नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराए जाने की उन्हें ‘तुरंत संभावना’ नहीं लगती है क्योंकि इसके लिए जरूरी संवैधानिक बदलावों में समय लगेगा. एक बयान के मुताबिक जदयू के अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव साथ-साथ कराए जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों का वह सिद्धांतत: समर्थन करते हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र के संबोधन के दौरान साथ-साथ चुनाव कराने की वकालत की थी और मोदी ने भी इसका समर्थन किया है.
कुमार ने कहा कि साथ चुनाव कराए जाने से चुनावों का खर्च कम होगा और निर्वाचित सरकारों को विकास करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा.
बहरहाल उन्होंने कहा, ‘इसके लिए संवैधानिक जरूरतों को पूरा करना होगा और इसमें काफी समय लगेगा. लोकसभा और विधानसभा चुनाव तुरंत एक साथ कराए जाने की तुरंत कोई संभावना नहीं है.’ उन्होंने जल संसाधन और नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की ताकि बिहार में सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में उनका सहयोग हासिल किया जा सके.
कुमार ने हर वर्ष आने वाले बाढ़ से बिहार को होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की. अधिकांशत: पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण ये बाढ़ आती हैं और उन्होंने समस्या के त्वरित समाधान के लिए केंद्र से सहयोग मांगा.
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