न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) नीति को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। बनर्जी ने दावा किया कि जिस संपत्ति को बेचने के लिए यह चाल चली जा रही है वह संपत्ति देश ही है, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की या भारतीय जनता पार्टी की।
एनएमपी को एक चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण फैसला करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने आरोप लगाया कि इन संपत्तियों की बिक्री से जुटाया जाने वाला रुपये चुनावों के दौरान विपक्षी पार्टियों के खिलाफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरा देश इसके खिलाफ उठ खड़ा होगा और इस जन विरोधी फैसला का विरोध करेगा। बनर्जी ने कहा, ‘भाजपा को शर्म आनी चाहिए। किसी ने भी उन्हें देश की संपत्तियों को बेचने का अधिकार नहीं दिया है।’
ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम केंद्र सरकार के इस चौंकाने वाले और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय की निंदा करते हैं। ये संपत्तियां देश की हैं। ये मोदी की हैं न भाजपा की। वे (केंद्र सरकार) केवल अपनी इच्छा और सनक के आधार पर देश की संपत्तियों को नहीं बेच सकते हैं।’
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का एलान किया था। इसके तहत सरकार ने बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की योजनाओं पर खर्च के लिए पैसे जुटाने के लिए चार साल का रोडमैप बनाया है। इस योजना से सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ेगा और रोजगार के मौके पैदा होंगे। विदेशी निवेशकों को भी मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा।
इस योजना में हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ने भी पिछले कुछ महीनों में करीब 7,700 करोड़ रुपये की पूंजी जुटा ली है। सरकार ऐसी संपत्तियों को निजी क्षेत्र या विदेशी कंपनियों को सौंपेगी, जिनका संचालन वह खुद सुचारु रूप से नहीं कर पा रही है। इससे कमाई राशि में सरकार को भी हिस्सा मिलेगा।
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