सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन केन्द्रीय लोक उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) भारत की अत्यधिक विषम जलवायु परिस्थितियों का सामना करने वाले राजमार्गों के निर्माण में आने वाली चुनौतियों का व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए नवीन तकनीकों की तलाश और सम्वर्धन कर रहा है। उसी प्रक्रिया में एनएचआईडीसीएल ने वर्तमान वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद – केन्द्रीय सडक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर–सीआरआरआई), राष्ट्रीय विज्ञान विकास परिषद (एनएसडीसी), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अगरतला, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिलचर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान नागालैंड, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी और एनआईटी जोत, अरुणाचल प्रदेश जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए और अब इस तरह के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के लिए अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ आगे चर्चा की जा रही है।
इसी क्रम में गत 14 दिसंबर 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एनआईटी मणिपुर के साथ नवीनतम समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर एनआईटी मणिपुर के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) गौतम सूत्रधार और एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक श्री चंचल कुमार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे ।
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