ऐसे स्मार्टफोन का डेटा चुराते हैं हैकर्स, मोबाइल सेंसर पर रहती है नजर

नई दिल्ली। स्मार्टफोन सेंसर के डेटा के जरिये हैकर्स पिन और पासवर्ड रिकवर कर मोबाइल अनलॉक कर लेते हैं। यह जानकारी सिंगापुर की नांयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के रिसर्चर्स की ओर से मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कि गायरोस्कोप और प्रोक्सिमिटी सेंसेर्स फोन की सिक्योरिटी के लिए जोखिम भरे हैं।

रिसर्चर्स ने मशीन लर्निंग एलोग्रिदम और स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले छह तरह के सेंसर्स से इंफोर्मेशन जुटा कर एंड्रॉयड स्मार्टफोन अनलॉक करने का प्रयास किया। रिसर्चर्स ने महज तीन बार में ही 99.5 फीसद सटीकता से इस अनलॉक किया।

एनटीयू के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट शिवम भसीन ने बताया कि शोधकर्ताओं में स्मार्टपोन में सेंसर का इस्तेमाल किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि यूजर ने कौन सा नंबर सबसे ज्यादा बार प्रेस किया है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि स्मार्टफोन में सुरक्षा के लिहाज से कई खामियां है। फोन में सेंसर का इस्तेमाल करने के लिए यूजर की ओर से किसी भी इजाजत की जरूरत नहीं होती। अपनी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने एक्सीलेरोमीटर, गायरोस्कोप, मैग्नेटोमीटर, प्राक्सिमिटी सेंसर, बैरोमीटर और एंबिएंट सेंसर एप का इस्तेमाल किया था। इनके जरिए उन्होंने पता लगाया है कि जिस तरह यूजर अपने फोन को हाथ में पकड़कर पिन डालता है और 1,5 व 9 को प्रेस करता है तो फोन की मूवमेंट कुछ अलग ही होती है।

जैसे कि 9 नंबर दबाने पर ब्लॉक होने वाली लाइट की तुलना में सीधे हाथ के अंगूठे से फोन में एक नंबर को दबाने पर ज्यादा लाइट ब्लॉक होती है।

भसीन ने मोबाइल डिवाइसेज को और सुरक्षित रखने के लिए कहा है कि यूजर्स हमेशा अपने पिन को चार अंकों से ज्यादा का रखें, हो सके तो वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) इनेबल करें, फिंगर प्रिंट और फेशियल रिकॉग्लिशन जैसे विकल्प अपनाएं।

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