कौशल की नई पहचान बन रहा है स्किल इंडिया मिशन। अनेक युवा इस मिशन के साथ जुड़कर स्वयं और देश को संवारने में लगे हुए हैं। भारत में स्किल इंडिया से प्रशिक्षित युवा देश की नई ताकत बन रहे है। आज भी देश का युवा कोविड़ फ्रंटलाइन वर्कर बनकर देश के विकास में सहयोग कर रहा है।
चित्रा रंजन उन लाभार्थियों में से हैं जिन्होंने स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के सहयोग से स्वयं को नई पहचान दी है। कोविड फ्रंट लाइन वर्कर चित्रा रंजन ने बताया कि उन्होंने बेसिक केयर सपोर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने 21 दिनों का कोविड क्रैश कोर्स किया और अब वह तीन माह के लिए अस्पताल से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि उनका सपना था वह मेडिकल लाइन में कुछ करें। इसी सपने और जज्बे ने उन्हें आज कोविड वॉरियर बना दिया।
उत्तराखंड के कवि पहले बेरोजगार थे। उनके जीवन में अनेक विपरीत परिस्थितियां थी, जिससे निपटने के लिए उन्होंने 18 वर्ष की उम्र से ही काम करने का फैसला किया। वह किसी कौशल में निपुण नहीं थे परंतु कुछ नया और रचनात्मक काम करना चाहते थे। उनके इस सपने को प्रधानमंत्री कौशल केंद्र ने उड़ान दी। जहां उन्होंने सिलाई मशीन संचालक का पाठ्यक्रम पूरा किया। इस कौशल से उन्होंने अपने नये व्यवसाय की शुरआत कर दी और आज वह अच्छी कमाई कर रहें हैं।
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