कम लागत वाली लौह एल्युमिनाइड की नई कोटिंग कठोर माध्यम में संक्षारण प्रतिरोध को हल्के स्टील के चार गुना तक बढ़ा सकती है
वैज्ञानिकों ने कम लागत वाले लौह-आधारित इंटरमेटेलिक पाउडर तैयार किया है जिसका उपयोग थर्मल पावर प्लांट में उच्च तापमान जैसे कठोर वातावरण के संपर्क में आने वाली सामग्री के लिए संक्षारण प्रतिरोधी कोटिंग यानी लेप के रूप में किया जा सकता है, जहां ऑक्सीकरण, संक्षारण और टूट-फूट एक साथ होती है। कोटिंग से जलीय संक्षारक माध्यम में संक्षारण प्रतिरोध हल्के स्टील की तुलना में 4 गुना बढ़ जाता है।
सेवा तापमान के दायरे में घिसाव और जंग के कारण बड़ी क्षति होती है। इसलिए, ज्यादा आर्थिक व्यवहार्यता के लिए उपयुक्त सामग्री के साथ घटक सतह की रक्षा करने की आवश्यकता है। टर्बाइन ब्लेड पर इस तरह की सतह पर लेप से सेवा काल में वृद्धि हो सकती है और इसलिए टरबाइन के संचालन के अवधि बढ़ जाती है।
वर्तमान में तापीय रूप से फुहारित क्रोमियम कार्बाइड-निकल क्रोमियम पाउडर और टंगस्टन कार्बाइड-कोबाल्ट (सीआर-3सी-2-एनआईसीआर और डब्ल्यू-सीओ) (सेरमेट) कोटिंग का व्यापक रूप से उच्च घिसावट और थर्मल पावर प्लांट टर्बाइन ब्लेड, एयरोस्पेस इंजन ब्लेड, लैंडिंग गियर शाफ्ट, कागज उद्योग में स्टील रोल जैसे उच्च तापमान ऑक्सीकरण प्रतिरोध अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से डब्ल्यूसी-सीओ कोटिंग के मामले में 550 ओसी तक और सीआरसी-एनआईसीआर के लिए 850 ओसी तक अनावरण के तहत उनकी कठोरता, कड़ापन और बेहतर संक्षारण प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, कोबाल्ट और निकल तत्वों की मौजूदगी के कारण पाउडर महंगा होता है। इसके अलावा, क्रोमियम अपनी हेक्सावैलेंट अर्थात षटसंयोजी अवस्था में विषैला होता है। इस कोटिंग यानी लेप को साधारण लौह-आधारित लेप के साथ नये सूक्ष्म संरचना वाले घटकों के साथ बदलना बहुत ही आशाजनक है। इस संबंध में, दो या दो से अधिक धात्विक या अर्धधातु तत्वों (इंटरमेटेलिक्स) से युक्त लौह-आधारित ठोस चरण उनकी कठोरता और बेहतर संक्षारण प्रतिरोध के कारण प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, उनके फैलाव पर निश्चय ही कम लचीलापन होने से प्रतिबंधित हो जाता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास केंद्र इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के सेंटर फॉर इंजीनियर कोटिंग्स (सीईसी) में वैज्ञानिकों की एक टीम ने लौह-आधारित इंटरमेटेलिक पाउडर और डेटोनेशन स्प्रे कोटिंग (डीएससी) तकनीक का उपयोग करके कोटिंग्स को जमा करने के लिए उसी का उपयोग किया।
इसके अलावा, एआरसीआई ने गैस कणीकृत लौह-एल्युमिनाइड पाउडर विकसित किया है और इसे डीएससी द्वारा बिना किसी दरार या टुकड़े के हल्के स्टील अधोस्तर पर जमा किया। कोटिंग्स से यह प्रदर्शित हुआ है कि हल्के स्टील की तुलना में जलीय संक्षारक माध्यम में 4 गुना वृद्धि हुई है।
जब क्रोमियम और अल्युमीनियम प्रचुर लौह चरणों की तुलना में लोहा के साथ ठोस घोल में होते है तो कोटिंग्स यानी लेप बेहतर संक्षारण प्रतिरोध प्रदर्शित करता है। कोटिंग्स से ठोस कण क्षरण घिसावट की अवस्था में हल्के स्टील की तुलना में 30-40 फीसदी तक घिसावट के प्रतिरोध में वृद्धि देखने को मिलती है जिसका अर्थ है कि उच्च तापमान क्षरण प्रतिरोध अनुप्रयोगों के लिए एफईएलसीआर कोटिंग्स का उपयोग किया जा सकता है। बॉयलर के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए, एनटीपीसी के सहयोग से बॉयलर घटकों के आग के पास क्षरण संरक्षण के लिए एफईएलसीआर कोटिंग्स को योग्य ठहराने के लिए मौजूदा दौर में काफी अध्ययन चल रहे हैं।
चित्र 1 (ए) कोटिंग के दौरान एडीएससी प्रक्रिया का एक करीबी दृश्य और (बी) एफईएलसीआर कोटिंग क्रॉस–सेक्शनल छायाचित्र 6 हर्ट्ज आवृत्ति पर जमा की गई
चित्र.2 एमएस सब्सट्रेट की तुलना में 400 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर उच्च क्षरण घिसावट का प्रदर्शन करने वाले डेटोनेशन स्प्रे से जमा लौह एल्युमिनाइड कोटिंग्स (एक्स अक्ष योग्य को बेयर और कोटेड एमएस के रूप में उपयुक्त रूप से संशोधित किया जा सकता है)
अधिक जानकारी के लिए, कृपया लेख को देखें:
डी. विजया लक्ष्मी, पी. सुरेश बाबू, एल. रामा कृष्ण, आर. विजय, डी. श्रीनिवास राव, जी. पद्मनाभम, ’डेटोनेशन स्प्रे तकनीक द्वारा जमा आयरन एल्युमिनाइड (एफईएल(सीआर)) कोटिंग का संक्षारण और क्षरण व्यवहार’, एडवांस्ड पाउडर टेक्नोल।, 32 (2021) 2192-2201
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