क्लाउड कंप्यूटिंग, जोकि डिजिटल दुनिया में उभरती हुई एक प्रमुख तकनीक है, से संबंधित प्रशिक्षण की श्रृंखला की निरंतरता में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने सेंट्रल लाइन मंत्रालयों, राज्य/ केन्द्र – शासित प्रदेशों के विभागों, मिशन मोड परियोजना अधिकारियों, ई-गवर्नेंस परियोजना के प्रमुखों और राज्य ई-मिशन टीमों के सरकारी अधिकारियों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दूसरे बैच का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 25-26 अगस्त, 2022 के दौरान आयोजित किया गया।
यह दो-दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण मैसूरु स्थित प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई) में आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण के पहले दिन, सभी 24 प्रतिभागियों का स्वागत श्री चेतन, प्रोफेसर ई-गवर्नेंस, एटीआई, मैसूरु द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विषय – प्रवेश कराते हुए, श्री शिलोहू राव, जीएम, एनईजीडी और श्री सत्यजीत राव वाग्वाला, एसजीएम, एनआईएसजी ने प्रशासन के प्रभावी संचालन के उद्देश्य से क्लाउड कंप्यूटिंग और इसके विभिन्न पहलुओं में निपुण होने के महत्व के बारे में बताया। क्लाउड में किसी डेटा को संग्रहीत किए जाने से प्राकृतिक आपदा, बिजली गुल होने या किसी अन्य संकट की परिस्थिति में इन डेटा का सही एवं सुरक्षित स्थान पर संकलित बचे रहना सुनिश्चित होता है। उस डेटा को जल्दी से दोबारा उपयोग कर पाने में सक्षम होने से किसी व्यक्ति को अपने कामकाज को पहले की तरह सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलती है। यह कामकाज में उत्पन्न बाधा के असर और उत्पादकता के नुकसान को कम करता है।
इस कार्यशाला में उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया गया। इन विशेषज्ञों ने निर्धारित विषय के प्रमुख पहलुओं – क्लाउड आर्किटेक्चर, क्लाउड कंप्यूटिंग के बुनियादी निर्माण खंड, क्लाउड कंप्यूटिंग का समर्थन करने वाले नियामक एवं नीतिगत ढांचे, क्लाउड प्रदाता का चयन और उन्हें पैनल में शामिल करना, क्लाउड के संबंध में इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के दिशानिर्देश, सुरक्षा एवं नियंत्रण छूटने संबंधी चिंताओं समेत क्लाउड कंप्यूटिंग की विभिन्न परियोजनाओं को लागू करते समय आने वाली प्रमुख समस्याओं, नीति एवं अनुपालन, रचनात्मक विध्वंस, विशेषताओं में बदलाव, फोरेंसिक एवं माइग्रेशन और क्लाउड का भविष्य आदि – पर अपने विचार रखे। सरकारी विभागों द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग संबंधी जरूरतों के आकलन के तरीकों का सीधा प्रदर्शन प्रतिभागियों के सामने किया गया। कोविन, पोषण ट्रैकर और डीजीलॉकर जैसे लोकप्रिय केस-स्टडी के बारे में चर्चा के जरिए प्रतिभागियों को यह समझाया गया कि कैसे देश के नागरिकों के हित में प्रौद्योगिकी का सबसे प्रभावी इस्तेमाल किया गया है।
यह कार्यशाला सरकारी अधिकारियों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग प्रशिक्षण की श्रृंखला की दूसरी कड़ी थी। इसमें दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना के राज्य सरकारों और भारत सरकार के केंद्रीय लाइन मंत्रालयों के अधिकारियों ने भागीदारी की। इसी विषय पर तीसरी कार्यशाला 15-16 सितंबर, 2022 के दौरान गुजरात के गांधीनगर में आयोजित की जाएगी।
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