नई दिल्ली। उत्तर भारत में पहली वातानुकूलित (एसी) लोकल ट्रेन अगले साल से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच चलाई जाएगी। एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्टिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन में स्टेनलेस स्टील के आठ डिब्बे होंगे। इसकी तुलना अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नई पीढ़ी वाली ट्रेन-18 से की जाएगी, जिसका शुभारंभ जल्द होने वाला है। यह ट्रेन दिल्ली से 200-300 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर प्रदेश के शहरों को जोड़ेगी। यह 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
पहले की लोकल ट्रेन की अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटे है। पुरानी ट्रेन में यात्रियों के बैठने की क्षमता 2,402 थी, जो अब 2,618 हो गई है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने बताया नई एसी लोकल में सभी आठ डिब्बों में दो-दो शौचालय होंगे। जीपीएस से जुड़ी सूचना प्रणाली, स्वचालित दरवाजे और गद्देदार सीटें होंगी।
सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। चेन्नई की आइसीएफ से पहली वातानुकूलित लोकल ट्रेन परीक्षण के लिए बुधवार को भेजी जाएगी। इसे उत्तर रेलवे को आवंटित करने का अनुरोध किया गया है। यह दिल्ली से चलेगी। लोकल ट्रेनों का परीक्षण दो महीने से भी कम समय में पूरा होने की उम्मीद है। फरवरी के प्रारंभ से इनका संचालन सुरू हो जाएगा। आइसीएफ 31 दिसंबर तक मुंबई उपनगरीय रेलवे के लिए 12 डिब्बों वाली दूसरी एसी लोकल ट्रेन को हरी झंडी दिखाएगी।
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