नई दिल्ली। वर्षों बीतने के बाद भी वरिष्ठ गांधीवादी नेता व प्रमुख समाजसेवी अन्ना हजारे की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नाराजगी बरकरार है। अब वह फिर से 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल के समर्थन और किसान हित में आंदोलन करने जा रहे हैं, लेकिन इस बार वह काफी सतर्क हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मेरा कोई संबंध नहीं है, अब मैं अपने आंदोलन से दूसरा केजरीवाल नहीं निकलने दूंगा। बताया जा रहा है कि पिछला इतिहास नहीं दोहराया जाए, इसलिए वह काफी सतर्कता बरत रहे हैं।
बताया जा रहा है कि आंदोलन के दौरान जो भी नेता अन्ना हजारे से मुलाकात करेगा। वह स्टांप पेपर लिखकर देंगा कि वह नई पार्टी नहीं बनाएगा।
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी, दोनों के विकल्प को खारिज कर दिया। आगरा के संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित जनसभा में अन्ना ने कहा कि हमें भाजपा और कांग्रेस सरकार नहीं चाहिए क्योंकि इनके जेहन में उद्योगपति और इंडस्ट्री है, आम जनता नहीं।
देश के किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, जबकि बैंक किसानों से मोटा ब्याज वसूल रहे हैं। जिसके चलते वह आत्महत्या कर रहे हैं।
नोटबंदी और जीएसटी से आम आदमी को कोई लाभ नहीं हुआ, उल्टे इससे कालाधन सफेद हो गया। अब वह 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल के समर्थन और किसान हित में जनसभा करेंगे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल वह ढाई माह तक भ्रमण कर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सजग कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में कहा कि अब सियासी महत्वाकांक्षा को पूरा नहीं होने देंगे।
आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वालों से इस आशय के शपथपत्र लूंगा कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे और न ही किसी पार्टी को समर्थन करेंगे। मोदी सरकार में भी भ्रष्टाचार नहीं रुका। सभी राज्यों में भ्रष्टाचार है।
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