राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी), अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को आय सृजन गतिविधियों के लिए रियायती ऋण प्रदान करता है
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी), जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम, योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार आय सृजन गतिविधियों / स्वरोजगार के लिए पात्र अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को रियायती ऋण प्रदान करता है। एनएसटीएफडीसी की योजनाएं पूरे देश में लागू हैं। एनएसटीएफडीसी की प्रमुख योजनाएं निम्नानुसार हैं:
सावधि ऋण योजना:
एनएसटीएफडीसी प्रति यूनिट ₹50.00 लाख तक की लागत वाली व्यवहार्य परियोजनाओं के लिए सावधि ऋण प्रदान करता है। इस योजना के तहत, परियोजना की लागत के 90% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और शेष राशि सब्सिडी/प्रवर्तक योगदान/मार्जिन मनी के माध्यम से पूरी की जाती है।
आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना (एएमएसवाई): यह अनुसूचित जनजाति महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए एक विशेष योजना है। इस योजना के तहत, एनएसटीएफडीसी ₹2.00 लाख तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए 90% तक ऋण प्रदान करता है। इस योजना के तहत वित्तीय सहायता 4% प्रति वर्ष की अत्यधिक रियायती ब्याज दर पर दी जाती है।
स्वयं सहायता समूहों के लिए सूक्ष्म ऋण योजना (एमसीएफ): यह अनुसूचित जनजाति सदस्य की छोटी ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्वयं सहायता समूहों के लिए एक विशेष योजना है। इस योजना के तहत, निगम प्रति सदस्य ₹50,000/- तक और अधिकतम ₹5 लाख प्रति स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) तक ऋण प्रदान करता है।
आदिवासी शिक्षा ऋण योजना (शिक्षा ऋण योजना): यह एक शिक्षा ऋण योजना है जो भारत में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को शोधकार्य (पीएचडी) सहित तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए खर्च को पूरा करने में सक्षम बनाती है। इस योजना के तहत, निगम 6% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर प्रति पात्र परिवार को ₹10.00 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। अधिस्थगन अवधि (मोरेटोरियम पीरियड) के दौरान अर्थात पाठ्यक्रम की अवधि प्लस कोर्स पूरा होने के एक वर्ष बाद या नौकरी मिलने के छह महीने बाद, जो भी पहले हो, में पात्र छात्र को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार से ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) उद्यमियों के लिए मार्जिन मनी सपोर्ट योजना:
भारत सरकार की स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए, दिसंबर 2020 में “एसटी उद्यमियों के लिए मार्जिन मनी सपोर्ट स्कीम” नामक एक अलग योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत, पात्र अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत कुल परियोजना लागत के 15% की सीमा तक एनएसटीएफडीसी की वित्तीय सहायता प्राप्त करने की अनुमति है। एनएसटीएफडीसी कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से अपने ऋण का विस्तार करता है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के संज्ञान में ऐसा कोई उदाहरण नहीं आया है जहां एनएसटीएफडीसी ने अपने (एनएसटीएफडीसी) ऋण संवितरण मानदंडों को पूरा करने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों के किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया हो। एनएसटीएफडीसी, समय-समय पर अपनी कार्यान्वयन एजेंसियों के सहयोग से एनएसटीएफडीसी और इसकी योजनाओं के बारे में जानकारी के प्रसार के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।
एनएसटीएफडीसी फंड की उपलब्धता के मुकाबले अनुसूचित जनजाति की आबादी के अनुपात में राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को धन के वितरण का लक्ष्य आवंटित करता है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान, एनएसटीएफडीसी ने संबंधित वर्षों के लिए किए गए अनुमानित आवंटन से अधिक धनराशि का वितरण किया, जो ऋण आवेदनों को तैयार करने में जागरूकता कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
यह जानकारी जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने आज लोकसभा में दी है।
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