भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय और डेनमार्क के कोल्डिंग संग्रहालय ने “डेनमार्क और भारत की चांदी की वस्तुओं के खजाने” विषय पर प्रदर्शनी के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

कोल्डिंग संग्रहालय और राष्ट्रीय संग्रहालय मिलकर नई दिल्ली में चांदी प्रदर्शनी का आयोजन करेंगे

●      यह प्रदर्शनी मार्च, 2023 में शुरू होगी

●      दोनों संग्रहालय प्रदर्शनी में अपने संग्रह की सर्वश्रेष्ठ चांदी की वस्तुओं का प्रदर्शन करेंगे

 

कोल्डिंग संग्रहालय और राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में मार्च, 2023 के शुरुआत में “डेनमार्क और भारत की चांदी की वस्तुओं के खजाने” विषय पर संयुक्त रूप से एक प्रदर्शनी का आयोजन करेंगे। आज नई दिल्ली में प्रदर्शनी के लिए एक समझौता ज्ञापन-एमओयू पर नई दिल्ली स्थित भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय और डेनमार्क में कोल्डिंग स्थित कोल्डिंग संग्रहालय के बीच हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया।

 

मार्च 2023 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी में कोल्डिंग संग्रहालय और राष्ट्रीय संग्रहालय की चांदी की वस्तुओं के बेहतरीन संग्रह का प्रदर्शन किया जाएगा। सहयोग और प्रदर्शनी भारत और डेनमार्क के बीच 2022 से 2026 वर्षों के लिए हाल ही में सहमत सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित हो रही है।

प्रदर्शनी “डेनमार्क और भारत की चांदी की वस्तुओं के खजाने” डेनमार्क और भारतीय संग्रहालयों की चांदी की कलाकृतियों पर केंद्रित है, जहां दोनों संग्रहालय अपनी सर्वश्रेष्ठ चांदी की वस्तुओं का प्रदर्शन करेंगे। दोनों देशों में चांदी के शिल्प कौशल की सुंदरता और भव्यता को उजागर करते हुए, प्रदर्शनी में कुल 200 सर्वश्रेष्ठ वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। राष्ट्रीय संग्रहालय में पहली बार आने वाले दर्शक भारतीय और डेनमार्क की चांदी की वस्तुओं की समानांतर परंपराओं का अवलोकन कर सकेंगे।

इस अवसर पर भारत में डेनमार्क के राजदूत महामहिम फ्रेडी स्वान ने कहा, “मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि नई दिल्ली में कोल्डिंग संग्रहालय और राष्ट्रीय संग्रहालय एक साथ मार्च के शुरुआत में डेनमार्क और भारत की चांदी की वस्तुओं की प्रदर्शनी, चांदी की वस्तुओं के खजाने का उद्घाटन करेंगे।” उन्होंने कहा, “प्रदर्शनी डेनमार्क और भारतीय चांदी की शिल्पकारी में समानता और अंतर पर ध्यान केंद्रित करेगी, जहां दोनों संग्रहालय अपने संग्रह से सर्वश्रेष्ठ चांदी की वस्तुओं का प्रदर्शन करेंगे। हम इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि भारतीय दर्शक प्रदर्शनी के बारे में कैसा अनुभव करेंगे।”

इस अवसर पर राष्ट्रीय संग्रहालय की महानिदेशक और संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री लिली पाण्डेय ने कहा, “भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय में उत्कृष्ट चांदी की वस्तुओं का पर्याप्त संग्रह है, जो भारतीय सभ्यता आरंभ से शुरू होकर आधुनिक युग तक एक लंबे समय से संबंधित हैं। हालांकि, इस प्रदर्शनी के लिए डेनमार्क की चांदी की वस्तुओं के साथ-साथ भारतीय चांदी के बारे में जानने और समझने के लिए भारतीय चांदी के विविध और गतिशील शिल्प कौशल को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय भारत के आरक्षित संग्रह से लगभग 100 वस्तुओं का चयन किया गया है। डेनमार्क के कोल्डिंग संग्रहालय के साथ सहयोग करके राष्ट्रीय संग्रहालय बहुत प्रसन्न है। यह प्रदर्शनी वास्तव में अपनी तरह की अनूठी होगी जहां भारतीय और डेनमार्क की चांदी की भव्यता एक साथ दर्शकों को आनंदित करेगी।”

डेनमार्क के कोल्डिंग संग्रहालय के निदेशक श्री रून लुंडबर्ग ने कहा, “मैं बहुत उत्साहित हूं कि कोल्डिंग संग्रहालय को भारत और डेनमार्क के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है। हमें नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय के साथ काम करने और देखने के लिए प्रसन्नता हुई है। संग्रहालय के चांदी के संग्रह का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और हम निश्चित रूप से इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि भारतीय जनता द्वारा हमारे डेनमार्क की चांदी की वस्तुओं को कैसे प्राप्त होंगी। राष्ट्रीय संग्रहालय के साथ मिलकर हमने एक प्रदर्शनी लगाई है जो संग्रहालय के संग्रह का सबसे अच्छा प्रदर्शन करती है और गैंगस्टेड फाउंडेशन का संग्रह, जो डेनमार्क और भारतीय चांदी की परंपराओं की विविधता पर केंद्रित है।”

चित्र प्रदर्शनी

(राष्ट्रीय संग्रहालय की महानिदेशक और संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री लिली पांडेय इस अवसर पर संबोधित करते हुए)

(भारत में डेनमार्क के राजदूत महामहिम फ्रेडी स्वान इस अवसर पर संबोधित करते हुए)

(कोल्डिंग संग्रहालय के निदेशक श्री रूण लुंडबर्ग इस अवसर पर संबोधित करते हुए)

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