पुस्तिका ‘एआई फॉर एवरीवन’ जारी की गयी
‘हम यह कैसे सुनिश्चित करें कि भारत द्वारा एआई को अपनाने से समाज के कमजोर वर्गों को लाभ मिलेगा’ विषय पर विचार-विमर्श हुआ
‘राष्ट्रीय एआई पोर्टल (https://indiaai.gov.in)’ की दूसरी वर्षगांठ 30 मई, 2022 को मनाई गयी। राष्ट्रीय एआई पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (एनईजीडी) और नैसकॉम की एक संयुक्त पहल है। पोर्टल, देश में एक एकीकृत एआई इकोसिस्टम बनाने और पोषण करने पर केंद्रित है, ताकि भविष्य के लिए एआई से जुड़े मजबूत कार्यबल विकसित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के क्रम में एआई का उपयोग करने के लिए ज्ञान निर्माण में उत्कृष्टता और नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा सके।
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और संचार मंत्री द्वारा 30 मई, 2020 को पोर्टल लॉन्च किया गया था। उद्घाटन के बाद, पोर्टल को 1.2 मिलियन पेज व्यू के साथ 4.5 लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा गया है। वर्तमान में पोर्टल कें पास एआई पर 1151 लेख, 701 समाचार, 98 रिपोर्ट, 95 केस स्टडी और 213 वीडियो का प्रभावशाली भंडार है। यह पोर्टल, 121 सरकारी पहलों और 281 स्टार्टअप्स के विवरण के साथ भारत के एआई इकोसिस्टम पर सबसे अच्छे डेटाबेस में से एक है।
पिछले दो वर्षों में, पोर्टल ने लैब2मार्केट, एआई राउंडटेबल में महिलाएं, एआई पेटेंट रिपोर्ट, स्टार्टअप के लिए एक जिम्मेदार एआई पुस्तिका, जिम्मेदार एआई स्टार्टअप सर्वेक्षण, पॉडकास्ट और एआई मानक जैसी प्रभावशाली पहलों के माध्यम से एआई इकोसिस्टम के प्रचार और पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
INDIAai के आगामी प्रयासों का फोकस एआई साक्षरता पर है। INDIAai ने एआई की मूलभूत बातों पर एक पुस्तिका जारी की, जिसका शीर्षक ‘एआई फॉर एवरीवन’ है। इस पुस्तिका का उद्देश्य युवाओं और नए शिक्षार्थियों को डिजिटल अंतर से अलग उनकी आकांक्षाओं को सक्षम बनाने के लिए मुफ्त और खुली एआई साक्षरता प्रदान करना है।
वर्षगांठ के कार्यक्रम में INDIAai की पिछले वर्ष की उपलब्धियों और आने वाले वर्ष की योजनाओं को शामिल किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम में नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष और राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (एनईजीडी) के अध्यक्ष और सीईओ श्री अभिषेक सिंह के बीच एक सुरुचिपूर्ण बातचीत हुई।
श्री अभिषेक सिंह ने एआई अपनाने, एआई आधारित आवाज सक्षम सेवाओं और एआई आधारित बहुभाषी सामग्री की उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने एआई आधारित समाधानों के बारे में बताया, जिन्हें सरकार द्वारा चालू किया गया है और माईगव हेल्पडेस्क, उमंग, सेवाओं की पात्रता आधारित खोज आदि के प्रभाव और संभावित परिणामों का उदहारण दिया। उन्होंने कहा कि एमईआईटीवाई ने राष्ट्रीय डेटा शासन रूपरेखा नीति जारी की है। उन्होंने डेटा से संबंधित एआई के अवसर, सरकार के भीतर और बाहर क्षमता निर्माण, जागरूकता तथा संचार और एआई अनुसंधान आदि के बारे में जानकारी दी।
देबजानी घोष ने एआई के लाभों को समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचाने के लिए डिजाइन सिद्धांतों के रूप में समावेश और सुरक्षा पर जोर दिया। मानव केंद्रित कार्य पर अधिक ध्यान देने के साथ एआई उन लोगों की शानदार तरीके से मदद कर सकता है, जो दोहराए जाने वाले काम करते हैं और समय की बचत करना चाहते हैं। उन्होंने फ्यूचरस्किल्स प्राइम और एआई से संबंधित नए कौशल सीखने के लिए कोडिंग के उपयोग के बारे में भी बात की।
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