न्यूज़ डेस्क : 2016 के नारदा टेप केस में शिकायतकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने आज इस बात पर खुशी जाहिर की है कि उनके स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम जैसे नेताओं को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, उन्होंने इस बात को लेकर असंतोष भी जाहिर किया है कि अब बीजेपी में शामिल हो चुके शुभंदु अधिकारी जैसे नेताओं पर सबूत के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई है।
खोजी पत्रकार और नारदा न्यूज के संस्थापक मैथ्यू ने एक वीडियो संदेश में कहा, ”यह खुशी का दिन है। कई साल हो गए। स्टिंग टेप 2016 में जारी किए गए थे। नेताओं को सीबीआई ने टच नहीं किया था। आरोपपत्र तीन साल पहले ही तैयार हो गया था। 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारदा न्यूज ने टीएमसी के कई नेताओं के वीडियो क्लिप जारी किए थे, जिसमें वे रिश्वत लेते दिखे थे। इन्हें नारदा टेप्स के नाम से जाना जाता है।
सीबीआई ने आज टीएमसी के चार नेताओं सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया, जिस पर सियासी तूफान मच गया। खुद ममता बनर्जी कोलकाता में सीबीआई दफ्तर पहुंच गईं तो टीएमसी के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने सीबीआई तफ्तर पर पत्थरबारी शुरू कर दी। हकीम और खुर्जी पश्चिम बंगाल में हाल ही में बनी ममता बनर्जी की नई सरकार में मंत्री हैं तो मित्रा विधायक हैं। चटर्जी टीएमसी के पूर्व विधायक हैं। शाम तक सभी नेताओं को कोर्ट से जमानत मिल गई।
हालांकि, नारदा टेप्स में कथित तौर पर शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय भी शामिल थे, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। इन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर मैथ्यू ने असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा, ”मैंने शुभेंदु अधिकारी को भी उनके दफ्तर में जाकर पैसा दिया था। उनका नाम लिस्ट में नहीं है। क्या हुआ? फॉरेंसिक जांच हुई थी और यह साबित हुआ था… सीबीआई ने मुझसे भी बयान लिया था। मुझे यह भी पता लगा था कि शुभेंदु अधिकारी ने स्वीकार किया था कि उन्होंने मुझे पैसा लिया था।”
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