नक्सलियों को मृत्यु दंड के साथ अलग-अलग धाराओं में भी मिली सजा

दुमका : झारखंड में दुमका की एक सत्र अदालत ने पाकुड़ के पूर्व पुलिस अधीक्षक अमरजीत बलिहार सहित छह पुलिस जवानों की हत्या मामले में बुधवार को दो अभियुक्त को मृत्यु दंड के साथ भादवि की अन्य विभिन्न धाराओं के तहत भी सश्रम आजीवन कारावास और जुर्माने की राशि अदा करने की सजा सुनायी। सभी सजाऐं साथ-साथ चलेगी।

दुमका के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो्तौफीकुल हसन की अदालत में सजा की विन्दु पर बुधवार हुई सुनवाई के दौरान काफी संख्या में अधिवक्ता और पुलिस पदाधिकारी भी मौजूद थे। न्यायालय परिसर में नक्सली हमले से संबंधित मामले के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।

अपर लोक अभियोजक सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा ने न्यायालय के फैसले के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों दोषी आरोपी सुखलाल मुर्म उर्फ प्रवीर दा और सनातन बास्की उर्फ ताला दा को न्यायालय ने पाकुड़ के पूर्व पुलिस अधीक्षक अमरजीत बलिहार सहित छह पुलिस जवानों की ए्के्47,राईफल सहित अन्य अग्यनेयास्त्रों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर निर्मम हत्या करने की घटना को जधन्य अपराध करार हुए भादवि की धारा 302, 149, 120(बी), 396 के तहत दोशी पाकर मृत्यु दंड की सजा सुनायी।

सिन्हा ने बताया कि इसके साथ ही इस मामले में न्यायालय ने पुलिस पदाधिकारी व पुलिस के जवानों को जान मारने का साजिश करने का दोषी मानते हुए भादवि की धारा 307, 149 और 120(बी) के तहत आजीवन कारावास,पांच-पांच हजार रूपया जुर्माना अदा करने व जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर 3-3 माह के अतिरिक्त कारावास, 27 (2) आर्म्स एक्ट की के तहत आजीवन कारावास,

10-10 हजार रुपया जुर्माना अदा करने तथा जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3-3 साल की अतिरिक्त कारावास, भादवि की धारा 326 एवं 333 के तहत दस-दस साल के कठोर सश्रम कारावास के साथ 10-10 हजार जुर्माना की राशि अदा करने और जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो-दो साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

वहीं गैर कानूनी ग्रुप के नेता के तौर कार्य करने को लेकर 17 सीएलए एक्ट के तहत तीन-तीन साल के सश्रम कारावास और तीन-तीन हजार रूपया जुर्माना की राशि अदा करने की सजा सुनायी। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर 3-3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

अपर लोक अभियोजक सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि न्यायालय ने अपने फैसले में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर भादवि की 353 के तहत दो-दो साल के कठोर कारावास और दो-दो हजार रुपया जुर्माना की राशि अदा करने तथा जुर्माना की राशि अदा नहीं करने की सजा सुनायी।

जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों आरोपियों को 3-3 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने भादवि की धारा 148 के तहत तीन-तीन साल की सजा और तीन-तीन हजार रूपया जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी।

जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। भादवि की धारा 427,149 के तहत दो-दो साल की सजा और एक-एक हजार रूपया जुर्माना की राशि अदा करने तथा जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनां आरोपियों को दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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