नई दिल्ली : संसद भवन के सेंट्रल हॉल मे आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के विदाई समारोह का आयोजन किया गया l इस समारोह मे प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी दलों के संसद शामिल हुए l इस समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा की यही वह लोकतंत्र का मंदिर है जिस ने मुझे यहाँ पहुचाया है l उन्होने कहा की 1969 में पहली बार उन्होने राज्यसभा के सत्र मे हिस्सा लिया था l
उन्होनें अपने संबोधन में कहा की उनका पूरा कैरिअर इंद्रा गाँधी से प्रभावित रहा l साथ ही उन्होने कहा की संसद में पक्ष और विपक्ष मे रहते हुए मैने समझा की सवाल पूछना और उनसे जुड़ना कितना जरुरी है l संसद मे जब भी जब भी किसी कारण से संसद नहीं चालत है तब ऐसा लगता है जैसे देश के लोगो के साथ गलत हो रहा है l उन्होनें कहा की देश की एकता ही संविधान का आधार है l
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लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सबसे पहले राष्ट्रपति के सम्मान मे विदाई पत्र पढ़ा l उन्होनें कहा की पश्चिम बंगाल के एक गाव से राष्ट्रपति पद का सफ़र बहुत ही प्रेरक है l उन्होनें कहा की प्रणव दा पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं एक साथ सामान व्यवहार रहा l वो हमेशा से एक गुरु की भूमिका मे रहे है l
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