न्यूज़ डेस्क : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी के तेल एवं पेट्रोरसायन, पेट्रोल पंप कारोबार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरब की प्रमुख तेल कंपनी अरामको को बेचने के लिए हुए करार की घोषणा की। कंपनी अपने पेट्रोलपंप कारोबार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी भी ब्रिटेन की बीपी कंपनी को बेचने की घोषणा की है। इन दोनों डील से रिलायंस अपना 22 अरब डॉलर का कर्ज कम कर पाएगी। साथ ही 5 सितंबर को जियो गीगा फाइबर सर्विस शुरू करने की घोषणा की। जियो फाइबर कंपनी की ऑप्टिकल फाइबर फिक्स्ड लाइन आधारित ब्रॉडबैंड सेवा है।
कम कर सकेगी कर्ज : इन सौदों से कंपनी को 1.15 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी और इस धन से वह अपना ऋण कम कर सकेगी। कंपनी की योजना अगले 18 महीने में ऋण मुक्त बनने की है। इन सौदों के लिए नियामकीय स्वीकृति लेनी होगी।
5 सितंबर को लॉन्च होगी जियो गीगा फाइबर सर्विस : अंबानी सोमवार को यहां कंपनी की 42वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह कंपनी की दूरसंचार इकाई जियो की तीसरी वर्षगांठ पर नयी ब्रॉडबैंड सेवा ‘जियो गीगा फाइबर पांच सितंबर से शुरू किए जाने की घोषणा की।
बीपी को बेची पेट्रोल खुदरा कारोबार की हिस्सेदारी
अंबानी ने कहा कि वह अपने पेट्रोल खुदरा कारोबार (पेट्रोल पंप परिचालन) की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी बीपी को बेचेगी। इससे उसे 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। कंपनी के पास इस कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बची रहेगी।
सऊदी अरामको को बेची 20 फीसदी हिस्सेदारी : उन्होंने कहा कि कंपनी अपने तेल, रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार की कुल 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरामको को बेचेगी। सऊदी अरामकों पेट्रोल पंप कारोबार में रिलायंस के पास बचे हिस्से भी हिस्सेदार होगी। अरामको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के तेल, रिफाइनरी , पेट्रोरसायन कारोबार और पेट्रोलियम ईंधन के खुदरा व्यवसाय में उसकी बची हिस्सेदारी का मूल्य कुल मिलाकर 75 अरब डॉलर का आंका है। इसकी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 15 अरब डालर बनती है।
मिलेगी इतनी राशि, कम कर पाएंगे कर्ज : इस प्रकार रिलायंस को इन सौदों से कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। इसका उपयोग वह अगले 18 महीनों में खुद को शून्य ऋण वाली कंपनी बनाने में करेगी। इन दोनों सौदों से कंपनी को अपने ऊपर 30 जून 2019 तक बकाया 2,88,243 करोड़ रुपये का ऋण कम करने में मदद मिलेगी। जबकि मार्च 2019 के अंत तक कंपनी पर 1,54,478 करोड़ रुपये का बकाया ऋण था।
रिलायंस समूह का कुल मूल्य 134 अरब डॉलर : शून्य ऋण वाली कंपनी का आशय ऐसी कंपनी से होता है जिस पर ऋण का बोझ उसके आरक्षित नकदी भंडार से नीचे रहता है। रिलायंस समूह 2013 से इस स्थिति में नहीं आया है। 30 जून 2019 तक कंपनी पर 1,31,710 करोड़ रुपये का नकदी भंडार था। रिलायंस समूह का कुल मूल्य 134 अरब डॉलर है। इसमें उसका दूरसंचार और खुदरा कारोबार शामिल है।
अरामको के निवेश के बारे में अंबानी ने कहा, ” यह न केवल रिलायंस के इतिहास में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा बल्कि इसकी गिनती देश के सबसे बड़े विदेशी निवेश सौदों में होगी। अरामको के साथ समझौते के तहत दीर्घावधि में वह रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित दोनों रिफाइनरियों को प्रतिदिन 5,00,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति भी करेगी। अरामको दुनिया की सबसे बड़ी कच्चा तेल निर्यातक कंपनी है।
रिलायंस के देश भर में 1400 पेट्रोल पंप
वहीं रिलायंस और बीपी ने पिछले हफ्ते देशभर में नए पेट्रोल पंप खोलने और विमानन कंपनियों के लिए विमान ईंधन की खुदरा बिक्री करने के उद्देश्य से एक नये संयुक्त उपक्रम की घोषणा की थी। अभी देशभर में रिलायंस के 1,400 पेट्रोल पंप और 31 विमान ईंधन पंप हैं। ईंधन की खुदरा बिक्री का यह पूरा करोबार इस काम के लिए बीपी के साथ प्रस्तावित नए संयुक्त उपक्रम को स्थानांतरित कर दिए जाएंगा।उसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी और 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रिलायंस की होगी। कंपनी ने पांच साल में 5,500 पेट्रोल पंप खोलने का लक्ष्य रखा है। अंबानी ने आम सभा में कहा, ” एक नयी महत्वपूर्ण पहल के तहत बीपी ने कंपनी के पेट्रोल खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। इससे रिलायंस को 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
अंबानी ने कहा, ”हमारे पास अगले 18 महीनों में यानी 31 मार्च 2021 तक कर्ज मुक्त कंपनी बनने की एक सुस्पष्ट रुपरेखा है। उन्होंने कहा, ”हमें इसी वित्त वर्ष में सऊदी अरामको और बीपी के साथ लेनदेन पूरा हो जाने की उम्मीद है। इससे कंपनी को 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है।
आम सभा के बाद रिलायंस के कार्यकारी निदेशक पी. एम. एस. प्रसाद ने कहा कि अरामको के साथ यह सौदा मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ”अगले पांच साल के भीतर तेल एवं पेट्रोरसायन कारोबार को रिलायंस की एक गैर-सूचीबद्ध अनुषंगी कंपनी बना दिया जाएगा और यह रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक कारोबारी इकाई के तौर पर परिचालन करेगी जिसमें 20 प्रतिशत हिस्सेदारी अरामको की होगी।
मुकेश अंबानी ने वार्षिक आम सभा में जियो की नयी सेवा ‘जियो गीगा फाइबर शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ”आज मैं घोषणा करता हूं कि इस साल पांच सितंबर से हम जियो फाइबर सेवाओं का वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर देंगे। यह जियो की पेशकश भी तीसरी वर्षगांठ है।
अंबानी ने बताया कि जियो फाइबर पर इंटरनेट की न्यूनतम स्पीड 100 एमबीपीएस होगी। हमारे पास इसके तहत एक जीबीपीएस तक की स्पीड उपलब्ध कराने के प्लान हैं। हमने हर घर तक इसकी पहुंच बनाने के लिए अपने प्लान को वैश्विक दरों के दसवें हिस्से के बराबर रखा है। जियो फाइबर के प्लान 700 रुपये मासिक से शुरू होकर 10,000 रुपये मासिक तक होंगे। आजीवन मिलेगी मुफ्त कॉल इस सेवा के ग्राहकों को आजीवन मुफ्त कॉल की सेवा भी मिलेगी। साथ ही इसके माध्यम से कंपनी देशभर में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का भी प्रसार करेगी।
जियो फाइबर वेलकम ऑफर : उन्होंने कहा कि जियो फाइबर की शुरुआत के मौके पर कंपनी ‘जियो फाइबर वेलकम ऑफर देगी। इसके तहत जियो फाइबर के वार्षिक प्लान लेने वाले ग्राहकों को एक एचडी या 4K एलईडी टीवी और 4K सेट-टॉप बॉक्स मुफ्त दिया जाएगा।
इसके अलावा 2020 के मध्य तक जियो फाइबर के प्रीमियम ग्राहक घर बैठे फिल्म के रिलीज के दिन ही उसे देख सकेंगे। इसे जियो ने ‘फर्स्ट डे फर्स्ट शो का नाम दिया है। अंबानी ने घोषणा की कि आने वाली कुछ तिमाहियों में उसकी दूरसंचार इकाई जियो और खुदरा क्षेत्र इकाई रिलायंस रिटेल वैश्विक साझेदारियां करेगी। वहीं आने वाले पांच सालों के भीतर इन दोनों कंपनियों को सूचीबद्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम इस साल शून्य ऋण वाली कंपनी होने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे। वह अपने शेयर धारकों को विश्वास दिलाते हैं कि वह उन्हें ऊंचा लाभांश, समय-समय पर बोनस निर्गम और अन्य लाभ उपलब्ध कराते रहेंगे।
अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने पिछले पांच साल में अपने रसायन कारोबार और 4जी नेटवर्क को विकसित करने पर करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह दशक भर से अधिक एक अरब डॉलर सालाना की परिचालन आय पैदा करेगा। इसके अलावा कंपनी देश की सबसे बड़ी खुदरा श्रृंखला भी स्थापित करने जा रही है।
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