सांसद शंकर लालवानी ने परीक्षाएं आयोजित करने के लिए डीएवीवी कुलपति, रजिस्ट्रार और जिला प्रशासन से की बात
न्यूज़ डेस्क : कोरोना से जीवन का हर पक्ष प्रभावित हुआ है और एजुशकेन भी उनमें से एक है। लॉकडाउन के कारण स्कूल, कॉलेज पूरी तरह से बंद है और कोरोना से लंबी लड़ाई को देखते हुए अब विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आयोजित करने पर मंथन चल रहा है। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इस विषय पर नेहरु स्टेडियम में जल्द ही एक बड़ी बैठक बुलाई जाएगी।
इस विषय में सांसद शंकर लालवानी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ रेणु जैन, कोरोना से लड़ाई में राज्य सरकार के सलाहकार डॉ निशांत खरे, इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ अनिल शर्मा से चर्चा की। इसमें प्रमुख मुद्दा विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का आयोजन था। लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई है और शैक्षणिक गतिविधियां ठप है। ऐसे में फिजीकल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए परीक्षाएं कैसे हो, एक बार में कितने बच्चे परीक्षा में शामिल हो, परीक्षा का टाइमटेबल क्या हो, परीक्षा के दौरान वायरस प्रसार के खतरे को कम कैसे किया जाए, आदि विषयों पर बात हुई।
इस बैठक में ये तय किया गया कि परीक्षा पर योजना बनाने के लिए नेहरु स्टेडियम में एक बड़ी बैठक आयोजित की जाए जिसमें इंदौर के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रिंसीपल, प्रोफेसर, हर कॉलेज से 5 बच्चे और शिक्षाविद शामिल होंगे।
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फिलहाल, यूनिवर्सिटी के 30-40 परसेंट कर्मचारियों को आने के लिए कहा गया है ताकि काम शुरू किया जा सके, बाद में धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी की आरएनटी मार्ग के यूनिवर्सिटी रोड कैंपस और खंडवा रोड स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस के पास रहने वाले कर्मचारियों से फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सावधानियों का ध्यान रखकर काम दोबारा शुरू किया जा सकता है।
सांसद ने कहा कि बच्चों की सेहत प्राथमिकता है और आपदा के इस कठिन समय में चीजें प्रभावित होंगी, लेकिन कोरोना से बचाव की सावधानियां रखते हुए परीक्षाओं का आयोजन कैसे हो इस पर विचार किया गया है। डॉ निशांत खरे ने कहा कि सबसे पहले फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षाएं हो जिससे उन्हें भविष्य के फैसले लेने में देरी ना हो।
अब प्रशासन नेहरु स्टेडियम में होने वाली बड़ी बैठक की तैयारी में जुट गया है। कोरोना से लंबी लड़ाई को देखते हुए जीवन को पटरी पर लाना जरुरी हो गया है और सांसद लालवानी अब उद्योगों, कारोबारियों के बाद शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे है।
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