संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए पांच मूल सिद्धांतों पर जोर दिया

न्यूज़ डेस्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर खुली बहस की शुरुआत हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो रही इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस बैठक का उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर अपनी स्थिति को मजबूत करना है। बता दें कि अगस्त के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता भारत के पास है। बहस शुरू होने से पहले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए पांच मूल सिद्धांतों पर जोर दिया।

 

 

 

समुद्र हमारी साझा धरोहर हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझा धरोहर हैं। हमारे समुद्री रास्ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफ लाइन हैं। हमारी इस साझा समुद्री धरोहर को आज कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कई देशों के बीच समुद्री विवाद हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए हमें आपसी समझ और सहयोग का एक फ्रेमवर्क बनाना चाहिए। ऐसा फ्रेमवर्क कोई देश अकेले नहीं बना सकता, यह साझा प्रयास से ही साकार हो सकता है।

 

 

 

जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन दिया जाए

पीएम मोदी ने कहा कि पांचवां सिद्धांत ये है कि हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए। यह स्पष्ट है कि समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण आवश्यक है। लेकिन ऐसी परियोजनाओं के विकास में देशों की वित्तीय स्थिरता और अवशोषण क्षमता को भी ध्यान में रखना होगा।

 

 

संजो कर रखने होंगे समुद्री संसाधन व पर्यावरण

प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथा सिद्धांत ये है कि हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों को संजो कर रखना होगा। जैसा कि हम जानते हैं कि समुद्रों का जलवायु पर सीधा प्रभाव होता है। इसलिए हमें अपने समुद्री पर्यावरण को प्लास्टिक और तेल गिरने जैसे प्रदूषणों से बचाना होगा।

 

 

मिलकर करना होगा समुद्री खतरों का सामना

तीसरा सिद्धांत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें प्राकृतिक आपदाओं और नॉन स्टेट एक्टर्स की ओर से पैदा किए गए समुद्री खतरों का मिलकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं। चक्रवात, सुनामी और प्रदूषण से संबंधित समुद्री आपदाओं में हम पहली प्रतिक्रिया देने वालो में रहे हैं।

 

 

शांतिपूर्ण तरीके से हो समुद्री विवादों का हल

प्रधानमंत्री ने दूसरा सिद्धांत बताते हुए कहा कि समुद्री विवादों का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। आपसी भरोसे और विश्वास के लिए यह अति आवश्यक है। इसी माध्यम से हम वैश्विक शांति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।

 

 

 

पीएम मोदी ने बताए पांच मूल सिद्धांत

बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आपके सामने पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा। पहला सिद्धांत ये कि हमें वैध समुद्री व्यापार से प्रतिबंध हटाने चाहिए। हम सभी की समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय फ्लो पर निर्भर करती है। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक व्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं।

 

 

 

यूएनएससी: समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर खुली बहस, प्रधानमंत्री मोदी ने बताए पांच मूल सिद्धांत

यूएनएससी की इस खुली परिचर्चा के केंद्र में समुद्री अपराध और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना होगा। इससे पहले भी यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है और कई प्रस्ताव पारित किए हैं। लेकिन, यह पहली बार है कि इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय और खुली चर्चा गहन तरीके से हो रही है। भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसे लेकर कहा है कि कोई एक देश समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की चिंता नहीं कर सकता। लिहाजा यूएनएससी में इसे व्यापक विषय के रूप में आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। समुद्री सुरक्षा में एक व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए, जिससे वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा हो सके और साथ ही समुद्री क्षेत्र के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटा जा सके।

 

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