न्यूज़ डेस्क : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ और मोदी सरकार अहम आर्थिक सुधार के मसले पर आमने-सामने खड़े हो गए हैं। भारतीय मजदूर संघ बढ़ती महंगाई के विरोध में नौ सितंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार के 70 पीएसयू को मोनेटाइजेशन करने के विरोध में मजदूर संघ दो नवंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा।
राष्ट्रीय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने अमर उजाला को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण महंगाई बेलगाम हो रही है और उससे निपटने में सत्ता में बैठे निर्णायक लोग लाचार होकर उलूल-जुलूल फैसले ले रहे हैं। एक जिम्मेदार श्रमिक संगठन होने के नाते भारतीय मजदूर संघ का यह धर्म बनता है कि सरकार के निर्णय के खिलाफ सड़क पर उतर कर उनकी गलत नीतियों का विरोध प्रदर्शन करें।
उन्होंने आगे कहा, केंद्र सरकार ने जो 70 पीएसयू को मोनेटाइजेशन का जो निर्णय लिया है वह बीएमएस को नीतिगत रूप से स्वीकार नहीं है। धन जुटाने के लिए सरकारी संस्थानों का मोनेटाइजेशन करना ‘गहना बेच कर घर चलाने’ जैसा है। सरकार जमीनी हकीकत को देखे बगैर विशेषज्ञों की सलाह पर भरोसा कर फैसले ले रही है। जिसे भारतीय मजदूर संघ कतई स्वीकार नहीं करेगा।
राष्ट्रीय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा आगे कहा कि केंद्र सरकार की तमाम आर्थिक नाकामियों के विरोध में बीएमएस सहित कई संगठन दो नवंबर को देशभर के अपने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में 2 सितंबर को भी सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
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