मोदी सरकार का अहम एजेंडा : अब भारत आ कर पढ़े अमेरिकी छात्र

न्यूज़ डेस्क : अब तक ऊंची शिक्षा पाने के लिए भारतीय ही विदेश जाकर पढ़ते रहे हैं। नई सरकार बनने के बाद भारत में विदेशी विद्यार्थियों की शिक्षा से जुड़े अहम एजेंडा का संकेत मिला है। अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अमेरिकी विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भारत आकर पढ़ें। 

 

स्थिर अर्थव्यवस्था में पढ़ने के लाभ उठाएं  : भारत पिछले पांच साल से वृहद आर्थिक स्थिरता (मैक्रो इकोनॉमी स्टोबिलिटी) के बेहतरीन चरण में है।  मैक्रो इकोनॉमी ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें बाहरी कारकों का प्रभाव न्यूनतम पड़ता है।  ऐसी अर्थव्यवस्था में पढ़ने का विदेशी विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। 

 

श्रेष्ठ संस्थानों का चुनाव आसानी से कर सकेंगे : 71वें एनुअल कांफ्रेंस एंड एक्पो ऑफ एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल एजुकेर्ट्स में राजदूत ने कहा कि अगर अमेरिकी विद्यार्थियों को भारत में पढ़ाई के लिए श्रेष्ठ संस्थान चुनने में परेशानी नहीं होगी। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी क्योंकि हमारे पास ठोस रैंकिंग/मान्यता प्रणाली है। जो उन्हें कॉलेज चुनने में मदद करेगी। 

 

विद्यार्थियों से धोखाधड़ी की संभावना नहीं : यूजीसी की वेबसाइट पर फर्जी शिक्षा संस्थानों की सूची उपलब्ध है, जिस कारण अमेरिकी विद्यार्थियों को किसी तरह की धोखाधड़ी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

 

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था देगी करियर को फायदा: – 2013-14 में भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था जो साल के अंत तक विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
– अमेरिकी विद्यार्थी सबसे तेजी से विकास कर रही बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा होंगे
–  भारत में पढ़ने पर विद्यार्थी यहां की सरकारी प्रणालियों, संस्कृति और बाजारों को निकटता से समझ सकेंगे।
– अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में भारत से जुड़ी समझ विकसित होना कारोबार, सरकार और गैर लाभकारी क्षेत्र में उनके काम बेहतर बनाएगी। 


बढ़ाना होगा शिक्षा बजट : 
अगर सरकार विदेशी विद्यार्थियों को आकर्षित करना चाहती है तो उसे शिक्षा बजट बढ़ाना होगा। सरकार ने 2019-20 के लिए जारी किए अंतरिम बजट में उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी के लिए 2100 करोड़ रुपये का बजट दिया जो पिछले साल आवंटन आवंटित 2,750 करोड़ रुपये से 650 करोड़ रुपये कम है। पिछले साल आवंटित बजट में यह संस्था सिर्फ 250 करोड़ रुपये ही खर्च कर पायी। 

 

18 प्रतिशत अमेरिकी विद्यार्थी बढ़े : इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन ओपन डोर्स- 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, 2013-14 के शैक्षणिक वर्षों में 4500 से अधिक अमेरिकी विद्यार्थियों ने भारत में अध्ययन किया। 2010 के बाद से इस संख्या में 18% की वृद्धि हुई है।

 

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