मोदी सरकार देगी 5 करोड अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति

न्यूज़ डेस्क : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 5 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को पीएम छात्रवृत्ति देने की घोषणा के बीच अखिल भारतीय संत समिति ने प्रधानमंत्री से अल्पसंख्यक की परिभाषा तय करने की मांग की है। समिति ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कौन अल्पसंख्यक है? यह तय करने के लिए या तो सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक पीठ के निर्देश का पालन किया जाय या फिर इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानक को स्वीकार किया जाना चाहिए। 

 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक पीठ ने 2002 में कहा था कि अल्पसंख्यकों की स्थिति तय करने के लिए देश को नहीं बल्कि राज्यों को पैमाना बनाना चाहिए। समिति के राष्ट्रीय मंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने पत्र में कहा है कि देश के संविधान की मूल अवधारणा में अल्पसंख्यक शब्द शामिल ही नहीं है। 1992 में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर तुष्टीकरण की राजनीति की शुरुआत की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय मानक यह है कि किसी देश की आबादी का 3 से 5 फीसदी हिस्से को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जा सकता है। 

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