न्यूज़ डेस्क : पूरा भारत आज आजादी की 73वीं वर्षगांठ पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहरा चुके हैं। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले तक पहुंचने की लिए टोयोटा लैंड क्रूज़र इस्तेमाल की। अभी तक वे रेंज रोवर में सफर करते रहे हैं।
जानते हैं आजादी के बाद से अब तक क्या रही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की शाही सवारी. शुरुआती सालों में राष्ट्रपति की आधिकारिक तौर पर आने-जाने के लिए कैडिलैक कंट्री का इस्तेमाल करते थे। 1950 में संविधान बनाए जाने तक राष्ट्रपति की जगह गवर्नर जनरल का पद होता था। उस वक्त राष्ट्रपति के काफिले में कनवर्टीबल कैडिलेक कंट्री होती थी। सालों तक यह काफिले का हिस्सा बनी रही, बाद में हिन्दुस्तान मोटर्स की एंबेसडर ने इसकी जगह ली।भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कारों का बेहद शौक था। उनके पास कई अमेरिकन और ब्रिटिश कारें थीं। लेकिन रॉल्स रॉयस रैथ ऐसी कार थी, जिसकी खूब चर्चा होती थी।
इसकी कहानी भी बढ़ी दिलचस्पी है, क्योंकि लॉर्ड माउंटबेटेन ने उन्हें ये कार खुद गिफ्ट की थी।स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी औरर उनके बाद के प्रधानमंत्री आनेजाने के लिए एंबेसडर कार का इस्तेमाल करते थे। लेकिन इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काफी कुछ बदला। आधुनिक सोच रखने वाले राजीव गांधी एंबेसडर की जगह मारुति 1000 इस्तेमाल करते थे। बाद में उन्होंने रेंज रोवर वोग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिसे जॉर्डन के किंग ने उन्हें गिफ्ट किया था।90 का दशक आते-आते भारतीय अर्थव्यवस्था को नई राह मिली और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला। जिसके बाद कई नए ब्रांड्स भारत में आने शुरू हो गए। जिसके बाद राष्ट्रपति भी एक से बढ़ एक शानदार कारें इस्तेमाल करने लगे। शकंर दयाल शर्मा, केआर नारायणन और एपीजे अब्दुल कलाम के पास W124 मर्सीडीज S-Class आधिकारिक कार थी।
शकंर दयाल शर्मा पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने एस-क्लास लिमोजीन का प्रयोग शुरू किया। उनके बाद राष्ट्रपति बने केआर नारायणन और एपीजे कलाम को नेक्स्ट जेनरेशन बुलैटप्रूफ W140 एस-क्लास आधिकारिक कार के तौर पर मिली।वहीं पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद के पास शानदार मर्सीडीज लिमोजीन कारें थीं। प्रतिभा पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति थी और उनके ही कार्यकाल के दौरान W221 मर्सीडीज S600 पुलमैन गार्ड लिमोजीन थी। इस कार की खासियत है कि मशीनगन से चली गोली, हैंडग्रेनैड और छोटे-मोटे बम भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। वहीं बाद में यही कार प्रणब मुखर्जी और उसके बाद वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सेवा में है।
वहीं अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनने के बाद शुरुआत में एंबेसडर का इस्तेमाल करते थे, लेकिन 2001 में संसद पर हमले के बाद उनकी कड़ी सुरक्षा को देखते हुए BMW 7 सीरीज ने जगह ले ली।2014 में प्रधानमंत्री मोदी के देश की बागडोर संभालने के बाद वे बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की लग्जरी सेडान में ही सफर करते थे। तमाम सरकारी दौरों के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में भी वे इसी का इस्तेमाल करते थे। वहीं 2017 में उन्होंने रैंज रोवर सेंटिनल एसयूवी से ही लालकिला पहुंचे और 2018 में भी इसी का इस्तेमाल किया। लेकिन
2019 में स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्लैक रेंज रोवर एसयूवी की बजाय टोयोटा लैंड क्रूज़र एसयूवी से पहुंचे। 3.5 टन की लैंड क्रूज़र में 4.5 लीटर का वी8 इंजन लगा है, 262 पीएस की पावर और 650 एनएम का टॉर्क देता।
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