सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पबजी समेत 118 मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध का लिया फैसला, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लिया फैसला, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला

29 जून को लगाया था चीन के 47 एप्स पर प्रतिबंध, टिकटॉक भी था शामिल

28 जुलाई को फिर की थी डिजिटल स्ट्राइक, लगाया था 59 एप्स पर प्रतिबंध

 

 

न्यूज़ डेस्क : भारत सरकार ने चीन के खिलाफ एक और डिजिटल स्ट्राइक की है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को मोबाइल गेम पबजी समेत 118 मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन के मोबाइल एप्स पर भारत की यह तीसरी डिजिटल स्ट्राइक है। इससे पहले जून अंत में भारत ने टिकटॉक समेत चीन के 47 एप्स पर प्रतिबंध लगाया था और उसके बाद जुलाई अंत में 59 चीनी एप्स प्रतिबंधित किए थे। सरकार ने इस फैसले के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है।

 

 

मंत्रालय ने इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि सरकार ने 118 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाया है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसे विभिन्न सूत्रों से कई शिकायतें मिली हैं और कई ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें पता चला है कि एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कई मोबाइल एप उपयोगकर्ताओं का डाटा चुरा रहे थे और भारत से बाहर लोकेशंस पर अव्यवस्थित तरीके से भेज रहे थे।

 

 

इन एप्लीकेशन पर लगा प्रतिबंध

प्रतिबंधित एप्स की इस लिस्ट में कई लोकप्रिय एप्लीकेशन शामिल हैं। इनमें लोकप्रिय गेम पबजी मोबाइल, पबजी मोबाइल लाइट, बायडू, सुपर क्लीन, शायोमी का शेयरसेव, वीचैट वर्क, साइबर हंटर और इसका लाइट वर्जन, गेम ऑफ सुल्तान्स, गो एसएमएस प्रो, मार्वेल सुपर वार, लूडो वर्ल्ड-लूडो सुपरस्टार, राइज ऑफ किंगडम्स, गैलरी वॉल्ट, स्मार्ट एपलॉक (एप प्रोटेक्ट), डुअल स्पेस, क्लीनर-फोन बूस्टर, लैमोर, सिना न्यूज और टेंसेंट वाचलिस्ट आदि शामिल हैं।

 

 

लगातार बढ़ रहा है भारत चीन के बीच सीमा विवाद

भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से चल रहा सीमा विवाद भी लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत जहां शांतिपूर्ण तरीके से विवाद निपटाने के पक्ष में है वहीं चीन महज बातें कर रहा है और उकसाने वाली कार्रवाइयों को अंजाम दे रहा है। हाल ही में पैंगोंग झील के पास दोनों देशों के बीच गलवां जैसी झड़प हुई है। एलएसी पर करीब आठ से दस किलोमीटर के हिस्से में पीएलए ने भारतीय सैनिकों की गश्त रोकने का प्रयास किया था। हालांकि इस प्रयास को विफल कर दिया गया है

 

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