राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई, राष्ट्रीय टीमों को प्रतिनियुक्त किया गया
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर व ओडिशा को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है कि चालू केदारनाथ यात्रा और आगामी अमरनाथ यात्रा व रथ यात्रा का आयोजन इस तरह से किया जाए, जिससे उच्च स्तर की स्वच्छता सुनिश्चित हो सके। इस संबंध में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी ने उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर व ओडिशा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है।
मंत्रालय के इस पत्र में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए की जाने वाली विभिन्न पहलों का उल्लेख किया गया है। इसमें राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे तीर्थस्थलों तक पहुंचने वाली (एप्रोच) सड़कों पर पुरुषों व महिलाओं, दोनों के लिए पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें हर समय स्वच्छ, स्वास्थ्यकर और उपयोग करने योग्य की स्थिति रखा जाए। वहीं, एप्रोच सड़क के सभी भोजनालयों को कचरा संग्रहण, खाद्य अपशिष्ट का अपशिष्ट से खाद/अपशिष्ट से उनके परिसरों में बायो-गैस इकाइयों तक, बायो-डिग्रेडेबल (जैविक रूप से अपघटित होने वाले) कटलरी और थैले के उपयोग के माध्यम से उसी स्थान प्रसंस्करण करने के बार में जागरूक करने की जरूरत है। इस एडवाइजरी में सुझाव दिया गया है कि केदारनाथ और अमरनाथ यात्रियों के लिए आधार शिविर के स्तर पर पंजीकरण के समय ही प्लास्टिक और एसयूपी बंद कर दी जानी चाहिए। आगंतुकों के बड़े पैमाने पर कचरा फैलाने से रोकने के लिए अलग-अलग कूड़ेदानों को नियमित रूप से खाली करने के साथ-साथ इसे एप्रोच सड़क के किनारे रखना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एडवाइजरी में बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। इसके तहत सभी स्थानीय एनजीओ/सीएसओ/स्वैच्छिक संगठनों, सभी गांवों और शहरों के स्वयं सहायता समूहों को चिह्नित किया जाना चाहिए, उन्हें संवेदनशील बनाया जाना चाहिए और निर्दिष्ट क्षेत्र में काम करने के लिए लगाया किया जाना चाहिए, जिससे हर कदम पर स्वच्छता को सुनिश्चित किया जा सके। ‘स्वच्छ यात्रा’ के लिए स्थानीय स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर की पहचान की जानी है व उन्हें नामित किया जाना है और आगंतुकों को जिम्मेदारी से व्यवहार करने और ‘स्वच्छता’ बनाए रखने में सहायता करने के लिए स्वच्छता आदि के संदेशों को प्रसारित करना है।
इस हफ्ते से मंत्रालय की राष्ट्रीय टीमों को उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर व ओडिशा में प्रतिनियुक्त किया जा रहा है, जिससे तैयारियों को देखने के साथ स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में सुधार के लिए इनपुट प्रदान किए जा सके। इसके अलावा इन तैयारियों पर राज्य, शहर और जिला अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते की शुरुआत में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक निर्धारित की गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 मई, 2022 को राष्ट्र के नाम अपने 89वें मन की बात संबोधन में केदारनाथ में कचरे के ढेर पर चिंता व्यक्त की थी। चूंकि यह बहुत जरूरी है कि हम स्वच्छता के संकल्प का पालन करें, प्रधानमंत्री ने पवित्रता और स्वच्छता के माध्यम से इन तीर्थ स्थलों की गरिमा बनाए रखने का अनुरोध किया। स्वच्छ भारत मिशन- शहरी को आवास और शहरी कार्य मंत्रालय कार्यान्वित कर रहा है। यह मिशन देश के सभी वैधानिक शहरों में व्यापक स्वच्छता उपायों और ठोस व तरल कचरे के सुरक्षित प्रबंधन के माध्यम से “कचरा मुक्त शहर” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन के तहत उन तीर्थयात्रियों और विरासत के स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाता है, जहां लोगों की अधिक संख्या होती है।
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