संस्कृति मंत्रालय ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ के हिस्से के रूप में देश भर में 75 स्थानों पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के 75 वर्षों को दर्शाने वाली स्मारक प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा
श्री जी. किशन रेड्डी और डॉ. जितेंद्र सिंह सप्ताह भर चलने वाले उत्सव ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ का कल उद्घाटन करेंगे
भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक गीत -धारा-के दायरे में व्याख्यान प्रदर्शनों की एक श्रृंखला की घोषणा की गई
संस्कृति मंत्रालय ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ के हिस्से के रूप में देश भर में 75 स्थानों पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों के 75 वर्षों को दर्शाने वाली स्मारक प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा। विज्ञान सर्वत्र पूज्यते, स्कोप (विज्ञान संचार लोकप्रियकरण विस्तार) का एक सप्ताह तक चलने वाला महोत्सव है, जो 22 से 28 फरवरी, 2022 तक आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित किया जा रहा है। विज्ञान सर्वत्र पूज्यते का उद्घाटन कल नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा किया जाएगा।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम), संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त समिति, विज्ञान सर्वत्र पूज्यते में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान प्रसार के सहयोग से देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रव्यापी स्मारक प्रदर्शनियों ‘स्वतंत्रता के 75 वर्ष: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियां’ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए काम कर रहा है। एनसीएसएम एकल प्रशासनिक इकाई के अंतर्गत दुनिया में विज्ञान केंद्रों और संग्रहालयों का सबसे बड़ा नेटवर्क तैयार करता है।
संस्कृति मंत्रालय धारा के दायरे में व्याख्यान प्रदर्शनों की एक श्रृंखला – भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक गीत का भी आयोजन करेगा। इस श्रृंखला के अंतर्गत पहला कार्यक्रम ‘युगों के दौरान गणित में भारत के योगदान’ को समर्पित है और इसमें प्राचीन काल के गणित को शामिल किया जाएगा – शुल्बसूत्रों में ज्यामिति, पिंगल के चंद-शास्त्र और शास्त्रीय काल – भारतीय बीजगणित में स्थलचिह्न, ज्योत्पट्टी, भारत में त्रिकोणमिति, अनिश्चित भारतीय बीजगणित और केरल स्कूल में समीकरण: पाई-π के लिए माधव की अनंत श्रृंखला, त्रिकोणमितीय कार्यों की गणना, प्राचीन भारत में आर्थिक विचार, धातु विज्ञान, कृषि आदि से सम्बंधित इसी तरह के कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
यह कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुर सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान भारत में वैज्ञानिक विकास/उपलब्धियों पर 75 फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
इसके साथ ही, संस्कृति मंत्रालय, सरकार के विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठनों के साथ, राज्य स्तर की एजेंसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी में, जमीनी स्तर पर विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम को भारत के युवाओं को प्रेरित करने और एक प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर में लेह और श्रीनगर से लेकर और पोर्ट ब्लेयर तथा दक्षिण में लक्षद्वीप में कवरत्ती द्वीप समूह तक, पश्चिम में अहमदाबाद और दमन से पूर्व में ईटानगर, कोहिमा और आइजोल तक देश भर में 75 स्थानों पर आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम अमृत महोत्सव के अंतर्गत कई मंत्रालयों, विभागों, क्षेत्रीय हितधारकों और आम जनता को एक साथ लाने का एक अद्भुत उदाहरण है।
महोत्सव के स्थानों के लिए यहां क्लिक करें: https://vigyanpujyate.in/locations
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: https://vigyanpujyate.in/
प्रेस विज्ञप्ति के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1799860
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