- अपने तरह का अनोखा पत्र-लेखन कार्यक्रम, जिसे इंडिया पोस्ट, संस्कृति मंत्रालय और गांधी स्मृति और दर्शन समिति ने समर्थन दिया। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कुछ देर दूर रहना था
- इस अवसर पर अन्य रचनात्मक गतिविधियों, जैसे डाक-टिकट संग्रह, सुलेख, स्टेशनरी की डिजाइन बनाने, हस्तलेखन में सुधार, लिपि को समझने, कागज से आकृतियां बनाने (ऑरीगामी) आदि का भी आयोजन किया गया
आजादी के अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में डाक विभाग के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय ने डाकरूम का शुभारंभ किया। अपने तरह के इस अनोखे पत्र-लेखन मनोरंजन मेले का आयोजन आज नई दिल्ली में राजघाट स्थित गांधी दर्शन में किया गया।
इस अनोखे पत्र-लेखन कार्यक्रम को इंडिया पोस्ट, संस्कृति मंत्रालय और गांधी स्मृति और दर्शन समिति ने आयोजित किया था, जिसका लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कुछ देर के लिये दूरी बनाना तथा भारत में पत्र लिखने की कला को दोबारा जीवित करना था।
मनोरंजन-मेला मुख्य अतिथि श्री विजय गोयल, गांधी स्मृति और दर्शन समिति के अध्यक्ष तथा संस्कृति मंत्रालय और इंडिया पोस्ट के विशिष्ट अतिथियों, सहयोगी साझीदारों तथा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की उपस्थिति में रविवार को लगभग दस बजे प्रातः आरंभ हुआ।
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती उमा नन्दुरी ने कहा, “हमें यह जाकर प्रसन्नता हुई है कि डाकरूम जैसी पहल हस्तलिखित संदेश-प्रेषण को दोबारा जीवित करने की कोशिश कर रही है, जो हमारे इतिहास व संस्कृति का समृद्ध हिस्सा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में हम लोगों के स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के क्षेत्र में गतिविधियां चला रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कुछ देर की दूरी बनाना समय की मांग है तथा इस तरह की पहलों से लोग पत्र लिखने के लिये कलम-कागज उठाने के लिये प्रेरित होंगे। याद रहे कि पत्र-लेखन संदेश के आदान-प्रदान और सीखने का मजबूत माध्यम रहा है।”
इस अनोखे मनोरंजन-मेले की अवधारणा है कि बच्चों तथा एक बड़े समुदाय को चिट्ठी लिखने की कला से दोबारा परिचित कराया जाये। इस क्रम में चिट्ठी लिखने की नई, रचनात्मक और आत्मीय शैली को जानना भी था। इस दौरान लेखन और डाक व्यवस्था पर प्रतियोगिताओं व कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संगीत, थियेटर, नृत्य, स्टैंड-अप कॉमेडी, शॉपिंग, खान-पान तथा डाक विभाग का संवाद आधारित प्रस्तुतिकरण तथा हर आयुवर्ग के लोगों को चिट्ठी लिखने की मनोरंजक प्रक्रिया में संलग्न करना शामिल था।
इस अवसर पर अन्य रचनात्मक गतिविधियों, जैसे डाक-टिकट संग्रह, सुलेख, स्टेशनरी की डिजाइन बनाने, हस्तलेखन में सुधार, लिपि को समझने, कागज से आकृतियां बनाने (ऑरीगामी) आदि का भी आयोजन किया गया
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