बलिया । उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ सरकार में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष तथा कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने समाज के प्रति बेहद संजीदा हैं। करीब एक महीने पहले राजभर समाज को शराब का कम सेवन करने की सलाह देने वाले ओमप्रकाश राजभर अब बच्चों को स्कूल भेजने के प्रति बेहद गंभीर हैं। बलिया में कल उन्होंने अपने समाज को इस बाबत अल्टीमेटम भी दिया।
बलिया में कल प्रदेश के दिव्यांग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने राजभर समाज के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। रसड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने वाले अभिभावकों को पांच दिन तक थाने में भूखा-प्यासा बैठाएंगे।
विवादास्पद बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने रसड़ा कस्बे के गांधी मैदान में कल आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में कहा कि मैं अपने मन का कानून बनाने वाला हूं। समाज के जिस गरीब का बच्चा विद्यालय नहीं जाएगा, उसके मां-बाप को पांच दिन थाने में बैठाऊंगा। ना पानी पीने दूंगा और ना ही खाना खाने दूंगा। उन्होंने कहा कि अगर आप लोगों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा तो आपको उठवाकर थाने ले जाया जाएगा। इस नाते कह रहा हूं कि देखिए अभी तक आपका नेता, आपका बेटा, आपका भाई आपको समझा रहा था. आपने अगर मेरी बात नहीं मानी, तो छह महीने और मनाऊंगा।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि भगवान राम ने समुद्र को तीन दिन मनाया था, जब वह नहीं माना तो भगवान को हथियार उठाना पड़ा। समुद्र त्राहिमाम-त्राहिमाम करने लगा। उसी तरह जिस भी गरीब का बच्चा विद्यालय नहीं जाएगा, छह महीने के बाद उसे थाने में पहुंचा दूंगा, चाहे भले ही मुझे फांसी क्यों ना हो जाए। उन्होंने इसके बाद मौजूद भीड़ का हाथ उठवाकर पूछा कि कोई गलत काम तो नहीं है. कितने लोग इसके समर्थन में हैं। इस पर अनेक महिलाओं ने हाथ उठाकर सहमति जतायी।
मान-सम्मान से समझौता नहीं
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि जिस सामाजिक आंदोलन की शुरुआत मैंने 15 वर्ष पहले की थी। आज वह एक आंदोलन का रूप ले चुका है।
राजभर समाज के लोग जो आज तक अपने अधिकारों से वंचित रहे उन लोगों ने पार्टी के आंदोलन को और आगे बढ़ाने का कार्य किया और आज पार्टी अपने एजेंडे में काफी हद तक सफल साबित हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकत्र्ताओं के मान-सम्मान के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। जिस आंदोलन की शुरुआत कार्यकर्ताओं के सहयोग से की गई थी।
उस आंदोलन को देश स्तर तक फैला कर सभी पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए कार्य किया जाएगा।
News Source: jagran.com
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