राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर कल तमिलनाडु में पेगाट्रॉन की नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र का उद्घाटन करने के लिए दौरा करेंगे
पेगाट्रॉन ने हरित क्षेत्र विनिर्माण इकाई की स्थापना के लिए केंद्र सरकार की लोकप्रिय उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया था
नरेन्द्र मोदी की सरकार में मोबाइल फोन विनिर्माण में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, केवल 8 वर्षों में यह 14 गुना से अधिक बढ़ा है
चेन्नई के पास चेंगलपट्टू स्थित एक औद्योगिक पार्क में केंद्र की लोकप्रिय उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना स्कीम (पीएलआई) के तहत स्थापित ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख कंपनी- पेगाट्रॉन की नई मोबाइल फोन निर्माण केंद्र का कल उद्घाटन किया जाएगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि पीएलआई योजना ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में विकास को आगे बढ़ाया है, जो “साल 2014 तक दोषपूर्ण एफटीए, भ्रष्टाचार और लालफीताशाही से तबाह राष्ट्र” में था।
मोबाइल फोन का उत्पादन, जो 2014-15 में घटकर 18,900 करोड़ रुपये हो गया था, अब यह 14 गुना बढ़कर 2,75,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा पीएलआई योजना के पहले साल के भीतर 28 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 60,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।
यह उल्लेख करना सही होगा कि 2015-16 में भारत में मोबाइल फोन का निर्यात लगभग शून्य था। पीएमपी और पीएलआई योजनाओं के तहत संचालित होने से मोबाइल फोन निर्यात का आंकड़ा 2019-20 में 27,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और पीएलआई योजना के पहले साल के भीतर 66 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ यह 45,000 करोड़ रुपये हो गया। साल-दर-साल की तुलना के आधार पर अप्रैल से अगस्त तक यानी शुरुआती पांच महीने में मोबाइल निर्यात 140 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 10,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
पेगाट्रॉन की भारत में सहायक कंपनी पेगाट्रॉन इंडिया, जो इस विनिर्माण केंद्र का परिचालन करेगी, ने योजना के कार्यकाल के दौरान करोड़ों के निवेश की अपनी प्रतिबद्धता और इस क्षेत्र में हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करने की उम्मीद व्यक्त की है। यह मोबाइल फोन का निर्माण और असेम्बलिंग (संयोजन) करेगी, जिससे तमिलनाडु से मोबाइल फोन के निर्माण और निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
पेगाट्रॉन के अलावा फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, डेल, एसेंट सर्किट्स और भारत एफआईएच ने भी केंद्र सरकार की पीएलआई योजना के तहत तमिलनाडु में करोड़ों रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जिससे विश्व के लिए भारत में अपनी क्षमता बढ़ाई जा सके।
चेंगलपट्टू में नये पेगाट्रॉन केंद्र से तमिलनाडु के लोगों के लिए क्षमता और रोजगार, दोनों के मामले में गति मिलने की उम्मीद है। तमिलनाडु भारत के कुल उत्पादन में 20 फीसदी हिस्से के साथ प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण राज्यों में से एक के रूप में उभरा है।
पेगाट्रॉन कारपोरेशन के बारे में
यह एक डिजाइन और विनिर्माण सेवा (डीएमएस) कंपनी है, जो संचार उपकरणों, कंप्यूटिंग उपकरणों और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रही है। पेगाट्रॉन कारपोरेशन को मैन्युफैक्चरिंग मार्केट इनसाइडर (एमएमआई) की ओर से दूसरी सबसे बड़ी वैश्विक ईएमएस कंपनी और 2021 में फॉर्च्यून ग्लोबल 500 में 235वां स्थान दिया गया है। इस कंपनी की दक्षिण पूर्व एशिया, भारत, यूरोप और अमेरिका में विनिर्माण केंद्र हैं। पेगाट्रॉन की भारत की सहायक कंपनी पेगाट्रॉन इंडिया को जुलाई, 2020 में शामिल किया गया था।
उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई)
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग व पैकेजिंग (एटीएमपी) इकाइयों सहित मोबाइल फोन विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन की पेशकश करती है। यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को काफी अधिक बढ़ावा देगी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत को स्थापित करेगी।
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