नई दिल्ली। संविधान संशोधन के संबंध में बयान देकर विवादों में घिरे केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने बृहस्पतिवार को लोक सभा में माफी मांग ली। हालांकि उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एक समारोह में उन्होंने जो भाषण दिया था उसे तोड़मरोड़ कर पेश किया था। हेगड़े के माफी मांगने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारु ढंग से चली।
हेगड़े के बयान को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था। लोक सभा की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष हेगड़े के बयान के विरुद्ध प्रदर्शन किया। इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई तभी मल्लिकार्जुन खड़गे ने हेगड़े के उस विवादित बयान को उठाया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर संविधान में संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की बात कही थी। लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें रोकते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कौशल विकास राज्य मंत्री बयान देंगे।
इसके बाद हेगड़े ने कहा कि वह देश, संविधान और संविधान निर्माता बी आर अम्बेडकर को उच्च सम्मान देते हैं और उनके प्रति असम्मान प्रकट करने का कोई सवाल ही नहीं है। एक नागरिक के तौर पर वह संविधान के उल्लंघन की कल्पना नहीं कर सकते। इसके बाद खड़गे ने फिर विरोध जताते हुए हेगड़े से माफी मांगने की मांग की।
लोक सभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए हेगड़े से कहा कि अगर वह सदन से माफी मांगते हैं तो उनका कद छोटा नहीं होगा। महाजन के यह कहने के बाद हेगड़े ने कहा कि अगर उनके बयान से कोई आहत हुआ तो उन्हें माफी मांगने में कोई हिचक नहीं है। उल्लेखनीय है कि हेगड़े के बयान के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित हुई थी।
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