भारत सहित दुनिया भर में लोगों की ऑनलाइन संख्या में हुई बढ़ोतरी l सर्वेक्षण में शामिल 22 देशों में भारत 7वें स्थान पर मिलेनियल्स (18-34 वर्ष की आयु) में ऑनलाइन जोखिम ज्यादा l
नई दिल्ली, 05 फरवरी, 2019 रू ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत, माइक्रोसॉफ्ट ने सेफर इंटरनेट डे (05 फरवरी) पर तीसरा डिजिटल सिविलिटी इंडेक्स जारी किया है। सूचकांक से पता चलता है कि भारत सहित दुनिया भर के लोगों में ऑनलाइन सिविलिटी के स्तर में बढ़ोतरी का अनुभव कर रहे हैं। इसे लेकर दुनिया भर के 22 देशों में हुए सर्वेक्षण से पता चलता है कि इसमें भारत 7 वें स्थान पर है। इंटरनेट उपयोग के मामले में भारत का स्तर 59ः (66ः वैश्विक सूचकांक) था, जिसमें 2 अंक प्रतिवर्ष बढ़ोतरी को दर्शाता है, जो देश में ऑनलाइन नागरिकता के बेहतर स्तर को दर्शाता है। उपयोग का निचला सूचकांक लोगों के बीच निम्न जोखिम के साथ ऑनलाइन नागरिकता के कथित उच्च स्तर को सूचित करता है।
डीसीआई 22 देशों में किशोरावस्था (13-17 वर्ष) और वयस्कों (18-74 वर्ष) के दृष्टिकोण और धारणाओं को समझने के लिए मई 2018 में ऑनलाइन व्यवहार और बातचीत के आधार पर पूरा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। इस दौरान पूछे गए प्रश्नो में, ष्आपको कौन से ऑनलाइन जोखिमों का सामना करना पड़ा है, आपको कब और कितनी बार जोखिम का सामना करना पड़ा है और इसके परिणाम कैसे रहे?ष् शामिल थे। इसका 21 ऑनलाइन जोखिम व्यवहार, प्रतिष्ठा, यौन और व्यक्तिगत घुसपैठ के आधार पर मिले जवाब के जरिए आकलन किया गया।
सर्वेक्षण से पता चला कि भौगोलिक और जनसांख्यिकी के बीच अवांछित संपर्क का जोखिम निरंतर बना हुआ है।
हालांकि, दुनिया भर के किशोर अब ऑनलाइन जोखिम के लिए अपने माता-पिता और अन्य भरोसेमंद व्यक्ति की मदद ले रहे हैं। इस रिपोर्ट में भारत के लिए कई अंतर्दृष्टि का खुलासा किया गया है, जिसमें, आपत्तिजनक या अश्लील सामग्री प्राप्त करना, 2) नकली समाचारों का सामना करना और 3) इंटरनेट के झांसे में आना सहित अन्य शामिल हैं। ऑनलाइन जोखिम का प्रभाव किशोरों एवं मिलेनियल्स पर सबसे ज्यादा देखने को मिला है।
इन जोखिम से बचाव के लिए किशोरों ने मदद भी ली, जिसमें माता-पिता (़35 अंक से 45ः) या किसी अन्य वयस्क (़18 अंक से 26ः) शामिल हैं। ऽ इंटरनेट के ऑनलाइन दुरुपयोग के दोषियों में से 29ः परिवार के लोग या दोस्त थे। सर्वे में शामिल लोगों ने दूसरों पर भरोसा करने के मामले में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में विश्वास में कमी में बढ़ोतरी दिखाई। नकारात्मक ऑनलाइन इंटरैक्शन के परिणामस्वरूप तनाव, और नींद न आने की परेशानी सामने आई।ऽ भारतीयों को फर्जी समाचार और इंटरनेट के झांसे में आने की संभावना वैश्विक औसत से 7 अंक अधिक थी।
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डिजिटल सिविलिटी चैलेंज
माइक्रोसॉफ्ट लोगों को डिजिटल सिविलिटी चैलेंज लेने और पूरे साल सकारात्मक ऑनलाइन आदतों और नियमों को अपनाने का संकल्प लेने को कह रहा है। चुनौती का लक्ष्य माइक्रोसॉफ्ट की सुरक्षित, समावेशी बातचीत को ऑनलाइन बढ़ावा देने और लोगों को उनके ऑनलाइन व्यवहार के लिए जवाबदेह होने और दूसरों के लिए रोल मॉडल और ध् या चैंपियन के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने संबंधी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है।
डिजिटल सिविलिटी कार्यों में शामिल हैंरू1. ऑनलाइन व्यवहार और बातचीत में सभी के साथ सहानुभूति, करुणा और दया का प्रदर्शन करें। आपसे ऑनलाइन व्यवहार करनेवाली हर व्यक्ती से गौरव और सम्मान के साथ बर्ताव करना।2. विभिन्नताओं और विविध दृष्टिकोणों का सम्मान करें और जब असहमति की स्थिति हो, तो सोच-समझकर आगे बढ़ें साथ ही व्यक्तिगत हमलों से बचें।3. अगर किसी बात से आप असहमत हैं, तो उसका जवाब देने से पहले रुकें और कोई ऐसी चीज पोस्ट न करें जिससे किसी की प्रतिष्ठा या सुरक्षा को खतरा पहुंचे।4. ऑनलाइन अपशब्द या क्रूरता का समर्थन न करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। इसके साथ ही इस तरह की गतिविधियों की सूचना देकर अनुचित या असुरक्षित व्यवहार के सबूतों को संरक्षित करें।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 22 देशों में अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, भारत, आयरलैंड, इटली, मलेशिया, मैक्सिको, पेरू, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम शामिल थे। माइक्रोसॉफ्ट आशा करता है कि नीति निर्माता, कंपनियां और उपभोक्ता एक सुरक्षित, अधिक सम्मानजनक इंटरनेट की आवश्यकता पर विचार करेंगे और ष्डिजिटल नागरिकताष् की ओर आगे बढ़ने के लिए वैश्विक मजबूती दिखाएंगे।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के बारे में
माइक्रोसॉफ्ट (छंेकंु ष्डैथ्ज्ष् /उपबतवेवजि) एक बुद्धिमान क्लाउड और एक तेज धार वाले युग के लिए डिजिटल परिवर्तन को सक्षम करता है। इसका प्रत्येक व्यक्ति के साथ ही पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक संगठन को ज्यादा से ज्यादा हासिल करने के लिए सशक्त बनाना है। माइक्रोसॉफ्ट ने वर्ष 1990 में भारत में अपना संचालन शुरू किया था। वर्तमान में भारत में माइक्रोसॉफ्ट की संस्थाओं में 9ए000 से अधिक कर्मचारी हैं, जो 11 भारतीय शहरों – अहमदाबाद, बैंगलोर, चेन्नई, नई दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई और पुणे में बिक्री और विपणन, अनुसंधान और विकास के साथ ही ग्राहक सेवा कार्यों से जुड़े हं। माइक्रोसॉफ्ट अपने स्थानीय डेटा केन्द्रों के जरिए भारत में क्लाउड आधारित वैश्विक सेवा प्रदान करता है गौरतलब है कि वर्ष 2016 में, माइक्रोसॉफ्ट ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में अपने आठ साइबर सुरक्षा केंद्रों में से एक की शुरूआत की थी
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