न्यूज़ डेस्क : मुंबई, अप्रैल, 2019: भारत के लिए सामथ्र्य की कल्पना करते हुए भारत को सशक्त बनाने के अपने मिशन में, माईक्रोसाॅफ्ट ने एआई के लिए देश की तैयारी की जानकारी अपने व्हाईट पेपर, शीर्षक, ‘एज़ आॅफ इंटेलिजेंस’ में दी। भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने पर केंद्रण, मोबाईल फोन का बढ़ता उपयोग, डेटा का घटता खर्च, ये सभी जनसंख्या के कम सुविधाओं वाले वर्ग को सेवाएं एवं कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह बात माईक्रोसाॅफ्ट ने एआई पर एक व्हाईट पेपर में कही, जिसका अनावरण नैस्काॅम टेक्नाॅलाॅजी एण्ड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) 2019 में किया गया।
इस व्हाईट पेपर का शीर्षक, ‘एज़ आॅफ इंटेलिजेंस’ था, जिसमें एआई के संबंध में चुनौतियों और अवसरों का प्रारूप दिया गया और बताया गया कि किस प्रकार उचित सरकारी नीतियां, टेक्नाॅलाॅजिकल प्रगतियां, जिनमें इंटरनेट का बढ़ता उपयोग और कनेक्टिविटी शामिल है, आने वाले समय में डिजिटल परिवर्तन के फायदे प्राप्त करने में मदद करेंगी। इसके अलावा माईक्रोसाॅफ्ट ने टेक्नाॅलाॅजी उद्योग को एआई में भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सक्रिय साझेदारी करने और संलग्न होने के लिए आमंत्रित किया। प्रारूपित किए गए अनेक अभियानों के लिए टेक्नाॅलाॅजी की जरूरत है, जो स्केल, एफिशियंसी और सस्टेनेबिलिटी लाने के लिए आधार के रूप में काम करे। क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटेलिजेंट क्लाउड सेवाओं की तीव्र क्रियान्वयन देश में एआई को अपनाने में प्रमुख भूमिका अदा करेगा।
अनंत महेश्वरी, प्रेसिडेंट, माईक्रोसाॅफ्ट इंडिया ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य एआई में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण समाहित करना है। भारत में अभी एआई अपनाने की शुरुआत हुई है। चार आधारभूत स्तंभों – उद्योगों में डिजिटल परिवर्तन संभव बनाने, इनोवेशन के लिए सहयोग करने, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल निर्मित करने और सतत सामाजिक प्रभाव उत्पन्न करने से एआई की सामथ्र्य का उपयोग होगा व इसे गति मिलेगी। एआई के विकास एवं उपयोग के लिए यह सब एक विकसित नैतिक ढांचे के तहत किया जाना चाहिए।’’
इस पेपर में माईक्रोसाॅफ्ट ‘एज़ आॅफ इंटेलिजेंस’, जिसमें यह दुनिया प्रवेश कर रही है, पर उद्योग का दृष्टिकोण पेश करता है। इसमें हर पक्ष- उत्पाद व सेवाओं में इंटेलिजेंस का अनुभव उसी प्रकार होगा, जिस प्रकार लोग संचार करते हैं, संस्थान जिस प्रकार काम व सहयोग करते हैं और जिस प्रकार देश व समाज विकसित होते हैं। माईक्रोसाॅफ्ट एआई सशक्तीकरण का एक दृष्टिकोण है- हर डेवलपर इनोवेट करे, हर संगठन उद्योगों को पुनः परिभाषित करे और हर व्यक्ति समाज में परिवर्तन लाए।
डेवलपर्स इनोवेट करें
माईक्रोसाॅफ्ट एआई को सुलभ बना रहा है और अपनी खुद की एआई एप्लीकेशंस का निर्माण करने वाली टेक्नाॅलाॅजी एज़्योर पर उपलब्ध करा रहा है, ताकि डेवलपर्स एवं संस्थानों को अपनी सबसे मुश्किल समस्याओं के समाधान के लिए सशक्त बनाया जा सके।
उदाहरण के लिए भारत की भाषाई विविधता एवं साक्षरता के कारण भारत में एक चुनौती समावेशन से संबंधित है। इसके परिणामस्वरूप डिजिटल भाषा की बाधा उत्पन्न हुई है, नागरिकों को सेवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं। एआई इस बाधा को दूर करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है तथा सभी मुख्य भारतीय भाषाओं के लिए वाॅईस रिकग्निशन, टेक्स्ट टू स्पीच एवं ट्रांसलेशन संभव बना रहा है। एक बार यह पूरा उपलब्ध हो जाने के बाद सभी सेवाएं सभी नागरिकों को उनकी पसंद की भाषा में दी जा सकेंगीं। माईक्रोसाॅफ्ट सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में ये सेवाएं प्रदान करने के लिए डेवलपर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उद्यमों को पुनः परिभाषित करें
उद्यम विस्तृत एआई के साथ काफी ज्यादा उपलब्धि हासिल कर सकते हैं क्योंकि हर अनुप्रयोग के लिए एआई, हर व्यापारिक प्रक्रिया के लिए एआई और हर कर्मचारी के लिए एआई उपलब्ध होगा। एआई द्वारा संस्थान बेहतर निर्णय ले सकेंगे और डेटा से जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें ग्राहकों की संलग्नता बढ़ाने में, आॅपरेशंस आॅप्टिमाईज़ करने और प्रस्तुतियों में सुधार करने में मदद मिलेगी। एआई के साथ बिज़नेस की प्रक्रियाओं की पुनः कल्पना से कार्य ज्यादा प्रभावशाली होगा, कर्मचारियों का समय बचेगा और वो ज्यादा बड़ी प्राथमिकताओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
हेल्थकेयर – हेल्थकेयर सेक्टर में एनालिटिक्स जनित जानकारी के प्रभावशाली उपयोग से परिवर्तन आएगा। उपलब्ध जटिल डेटा की डिकोडिंग हो सकेगी, जो अभी तक पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या थी। माईक्रोसाॅफ्ट ने माईक्रोसाॅफ्ट ने एनालिटिक्स जनित व्यक्तिगत उपचार योजनाएं संभव बनाई हैं, जो मरीज के जेनेटिक मेकअप, मेडिकल हिस्ट्री, लाईफ स्टाईल और क्लाउड आधारित समाधानों पर आधारित होती हैं ताकि हेल्थकेयर संस्थानों को सशक्त बनाया जा सके और उन्हें शिकायत के क्रियान्वयन एवं निर्माण में मदद की जा सके। वर्चुअल हेल्थ असिस्टैंट ग्राहकों को सर्वाधिक उपयोगी एवं सटीक हेल्थकेयर सेवाओं एवं जानकारी पर चर्चात्मक और रोचक एक्सेस प्रदान कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, नारायणा हेल्थ अपने आॅपरेशंस को आॅप्टिमाईज़ करने तथा टेक्नाॅलाॅजी के साथ मरीज की केयर बढ़ाने के लिए नए अवसर तलाश रहा है। इसका एक जारी प्रोजेक्ट, जो आंतरिक रूप से पायलट किया जा रहा है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग है, जो एक्सरे का अध्ययन कर सामान्य एक्सरे के मुकाबले किसी भी अंतर को समझ सके और निदान करने में डाॅक्टर के लगने वाले समय की बचत हो सके।
पब्लिक सेक्टर – एआई टूल्स सरकारों को अपने नागरिकों से ज्यादा प्रभावशाली तरीके से कनेक्ट होने, बर्बादी रोकने और महत्वपूर्ण जानकारी को सुरक्षित करने में मदद करते हैं। माईक्रोसाॅफ्ट की स्मार्ट सिटीज़- इंटेलिजेंट टेक्नाॅलाॅजी एवं नागरिक सेवा टूल्स सामान्य चुनौतियों जैसे शुल्क एवं टोल मैनेजमेंट, ट्रैफिक का आॅप्टिमाईज़ेशन एवं सततता के लिए डिज़ाईन किए गए हैं। ये ट्रैकिंग, सर्च एवं कन्वर्सेशनल बाॅट्स द्वारा नागरिकों को काॅन्सोलिडेटेड सरकारी सेवाओं की आसान उपलब्धता प्रदान करते हैं।
शिक्षा – टेक्नाॅलाॅजी विद्यार्थियों को अपने आसपास की दुनिया से कनेक्ट होने के अतुलनीय अवसर निर्मित कर रहा है और उन्हें अपनी पूरी क्षमता के विकास में मदद कर रही है। टीचर्स, एडमिनिस्ट्रेटर्स एवं टेक्नाॅलाॅजी इनोवेटर एआई द्वारा शिक्षा में कुछ गंभीर चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग कर रहे हैं। माईक्रोसाॅफ्ट की एआई उन्हें क्लासरूम्स में एक्सेसिबिलिटी बढ़ाने और विद्यार्थियों की सफलता तथा पूरे स्कूलों या स्कूल जिलों में रिस्क के लिए स्कूल-व्यापी एआई जानकारी प्रदान करने में मदद कर रही है, ताकि एजुकेटर्स इस बारे में सही निर्णय ले सकें कि विद्यार्थियों के परिणाम में किस प्रकार सुधार लाया जाए।
भारत अपने डिजिटल परिवर्तन के साथ आगे बढ़ रहा है, पब्लिक एवं प्राईवेट, बड़े व छोटे संस्थान क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स एवं इंटेलिजेंस की शक्ति को पहचान रहे हैं। वो अपने जीवन एवं बिज़नेस में सुधार के लिए क्लाउड की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करना शुरु कर रहे हैं।
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