मध्यप्रदेष, 12 फरवरी, 2019ः श्रीमति शर्मिला काकोड़े मध्यप्रदेश के गांव वाराखादी में रहती हैं। उनके गांव के लोगों मुख्यतया कृषि एवं संबद्ध व्यवसायों में सक्रिय हैं, गांव के अन्य लोगों की तरह आठ लोगों उसका परिवार भी कृषि पर निर्भर था और कृषि संकट के कारण कर्ज में डूबा हुआ था। शर्मिला हमेशा से कुछ काम करना चाहतीं थीं, ताकि वे अपने परिवार को आर्थिक परेशानी से बाहर निकाल सकें। वह पशुपालन करना चाहती थीं। तभी उन्हें छोटे फाइनेन्स बैंक ईसैफ (ESAF) के बारे में पता चला और उन्होंने 20,000 रु का ऋण लेकर पांच बकरियां खरीदीं। कृषि और बकरी पालन के साथ शर्मिला अब मिश्रित खेती कर रही हैं। उनके काम से उनके परिवार की आय बढ़ी। आज उनके पास 10 बकरियां हैं और वे लगभग 5000 महीना कमा लेती हैं।
अपने उपभोक्ताओं को छोटे ऋण उपलब्ध कराकर ईसैफ ESAF अब तक 1.2 मिलियन लोगों के जीवन को प्रभावित कर चुका है। ईसैफ ;म्ै।थ्द्ध हमेशा से उन ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सहयोग प्रदान करता रहा है जो आज भी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हैं। ईसैफ के छोटे बैंक दस एनबीएफसी में से एक हैं जिन्हें निजी क्षेत्र में छोटा फाइनेन्स बैंक स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक आॅफ इण्डिया से अनुमोदन मिला है। कंपनी कई स्थानीय महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाकर उनके सपनों को पूरा कर रही हैं और कंपनी ने इन महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान दिया है।
स्व-विनियामक संगठन एवं भारत में माइक्रोफाइनैंस उद्योग के संगठन ‘माइक्रोफाइनैंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क’ के अनुसार, देश में सूक्ष्म-ऋण लाभार्थियों में महिलाओं की भागीदारी 99 प्रतिशत है। एनबीएफसी-एमएफआई जैसी माइक्रोफाइनैंस कंपनियां भारत में बैंकिंग सुविधाओं रहित आबादी को वित्तीय सेवाएं आसानी से मुहैय्या करने की दिशा में कार्यरत हैं
एनबीएफसी-एमएफआई देश में ऐसी एकमात्र विनियमित वित्तीय संस्थाएं हैं जो कम आय वाले परिवारों को असुरक्षित ऋण प्रदान करती हैं। ये वित्तीय कंपनियां उन महिलाओं की वित्त संबंधी जरूरतें को पूरी करती हैं जिनके पास गिरवीं रखने या सिक्युरिटी के तौर पर जमा करने के लिए कुछ भी संसाधन मौजूद नहीं होतें है। एनबीएफसी-एमएफआई का मकसद सतत आजीविका का विकल्प तैयार करने में मदद साधन मुहैया कराना है। दूरदराज के इलाकों में भी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराकर ये कंपनियां सरकार के वित्तीय समावेशन के एजेंडे को बढ़ावा दे रही हैं।
एनबीएफसी-एमएफआई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की महत्वपूर्ण भागीदार हैं और इस कार्यक्रम के तहत वितरित किए जाने वाले लगभग 50 प्रतिशत ऋण माइक्रोफाइनैंस कंपनियों के जरिये दिए जाते हैं। एनबीएफसी-एमएफआई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ पंजीकृत हैं और ऋण के आकार, अवधि, ब्याज दर और फेयर प्रैक्टिसेज कोड (एफपीसी) तथा इंडस्ट्री कोड ऑफ कंडक्ट (सीओसी) के संदर्भ में सख्ती से अमल करती हैं। रिजर्व बैंक सभी एनबीएफसी एमएफआई की नियमित रूप से निगरानी करता है।
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