न्यूज़ डेस्क : विदेशों की तर्ज पर आने वाले दिनों में भारत में भी मेट्रो रबड़ के पहियों पर दौड़ेगी। लाइट मेट्रो के बाद अब केंद्र सरकार मेट्रो ऑन रोड चलाने की योजना पर काम कर रही है। इसे छोटे शहरों में चलाया जाएगा। सबसे पहले महाराष्ट्र के नासिक शहर में दौड़ाने की योजना है।
केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि सामान्य मेट्रो की तुलना में इसके निर्माण का खर्च 60 फीसदी से कम आएगा। वहीं, इसे चलाने की लागत भी पांच गुना कम रहेगी। मेट्रो के निर्माण और चलाने का बजट कम होने से इसके किराए में भी कमी आएगी। इसका सीधा फायदा मुसाफिरों को होगा।
मंत्रालय ने इसका खाका तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी दुनिया भर के इस तरह के मॉडल का अध्ययन कर रही है। इसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार विस्तृत नियमों का निर्माण करेगी। इसके बाद तीसरी पीढ़ी के मेट्रो की पॉलिसी नोटीफाई होगी।
मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का कहना है कि सरकार सस्ती व सुलभ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का विस्तृत नेटवर्क तैयार कर रही है। रबड़ के टायर वाली मेट्रो इस दिशा में बड़ा कदम होगी। कमेटी की कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। उम्मीद है कि जल्द ही यह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार नासिक शहर के लिए रबड़ के टायर वाली मेट्रो चलाने पर काम कर रही है।
एलिवेटेड और अंडरग्रांउड ट्रैक बनेगा
इस मेट्रो में लोहे के पहिये की जगह रबड़ वाले पहिये होंगे। इसके लिए एलिवेटेड व अंडरग्रांउड ट्रैक बनाना पड़ेगा। एक ट्रेन में लो फ्लोर एसी बसों के बराबर दो से तीन कोच होंगे। मंत्रालय अधिकारी बताते हैं कि दिल्ली मेट्रो को चलाने में अभी 300 करोड़ रुपये प्रति किमी का खर्च आता है। लाइट मेट्रो के लिए यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये व रबड़ वाली मेट्रो का 60 करोड़ रुपये का होगा।
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