‘मनोविकार’: तमिलनाडु सीएम स्टालिन के ‘LKG’ टिप्पणी पर BJP का पलटवार, NEP और हिंदी विवाद के बीच

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच चल रहे तीव्र राजनीति विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में, सीएम स्टालिन ने भाजपा और केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए ‘LKG’ (लघु कक्षा) शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे भाजपा ने मनोविकारी टिप्पणी करार दिया। यह विवाद खासकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और हिंदी भाषा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बढ़ रहा है।

सीएम स्टालिन की ‘LKG’ टिप्पणी

सीएम एम.के. स्टालिन ने हाल ही में एक सार्वजनिक बयान में भाजपा और केंद्रीय सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि उनकी नीतियाँ और फैसले ‘LKG’ (लघु कक्षा) स्तर के होते हैं। स्टालिन ने यह टिप्पणी खासकर केंद्र सरकार की शिक्षा नीतियों पर की, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयासों की आलोचना की। उनके अनुसार, यह नीतियाँ एक स्तर से कम, अपरिपक्व और राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।

BJP का पलटवार

सीएम स्टालिन के इस बयान के बाद भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने इसे ‘मनोविकारी’ और ‘निंदनीय’ करार दिया। पार्टी ने कहा कि स्टालिन की टिप्पणी न केवल अपमानजनक थी, बल्कि यह राजनीति से प्रेरित थी। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है और उन्हें अपनी टिप्पणी पर पुनः विचार करना चाहिए।

BJP ने यह भी आरोप लगाया कि स्टालिन अपनी राज्य सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के बयानों का सहारा ले रहे हैं। पार्टी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को अपने कामकाज पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि वह केंद्र सरकार के खिलाफ निरर्थक टिप्पणियाँ करे।

NEP और हिंदी विवाद

सीएम स्टालिन का बयान विशेष रूप से NEP और हिंदी विवाद से जुड़ा हुआ है। NEP को लेकर तमिलनाडु सहित कई राज्यों में विरोध हो रहा है, क्योंकि इसे राज्य के शिक्षा सिस्टम पर केंद्र का दबाव डालने वाली नीति माना जा रहा है। राज्य सरकारों का कहना है कि NEP, भारतीय शिक्षा व्यवस्था को एकरूप बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे राज्य के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

वहीं, हिंदी को लेकर भी एक और विवाद खड़ा हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने की कोशिशों का कई राज्यों, विशेष रूप से तमिलनाडु में, विरोध हो रहा है। तमिलनाडु में हिंदी को अनिवार्य बनाने के प्रयासों को लेकर खासा विरोध है, और स्टालिन ने अपनी सरकार की ओर से हिंदी को लेकर विरोध को खुलकर व्यक्त किया है। उनका कहना है कि हिंदी का अनिवार्य रूप से प्रचार करना दक्षिण भारत के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि यहाँ की स्थानीय भाषाएँ, जैसे तमिल, तेलुगु और कन्नड़, को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

राजनीतिक दांव-पेंच

यह विवाद सिर्फ शिक्षा नीति और भाषा विवाद से जुड़ा नहीं है, बल्कि राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा भी है। तमिलनाडु में स्टालिन और उनकी पार्टी DMK (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम) भाजपा के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रही है। भाजपा और DMK के बीच बढ़ते तनाव ने राज्य और केंद्र के रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। स्टालिन का यह बयान स्पष्ट रूप से भाजपा की नीतियों और एजेंडों के खिलाफ एक प्रतिरोध है।

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