मेरठ । चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में उत्तरपुस्तिका बदलने के प्रकरण को लेकर एसटीएफ की टीम ने सोमवार को विवि पहुंचकर ढाई घंटे तक रजिस्ट्रार रामप्रकाश श्रीवास्तव समेत 10 लोगों से पूछताछ की। इस दौरान गोपनीय शाखा (व्हाइट बिल्डिंग) की सुरक्षा राम भरोसे मिली। एसटीएफ ने यहां से एक साल पुरानी एमबीबीएस की उत्तरपुस्तिकाओं को कब्जे में लेकर परीक्षा नियंत्रक नारायण प्रसाद को सौंप दीं। मंगलवार को एक टीम संदीप की तलाश में हरियाणा के हिसार जाएगी।
एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि 10 लोगों से पूछताछ के बाद सुरक्षा व्यवस्था देखी। गोपनीय शाखा में लगे सीसीटीवी कैमरों में से कुछ चल रहे हैं तो कुछ का बैकअप केवल एक सप्ताह का है। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि पवन व कार्यवाह कार्यालय अधीक्षक चंद्रप्रकाश के पास चाबी रहती थी। ये दोनों संदीप, कपिल, कविराज के साथ मिलकर उत्तरपुस्तिकाओं को बदलते थे। चाबी आरोपितों के हाथ में दे दी जाती थी। एसटीएफ की दूसरी टीम मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां पर हिसार निवासी संदीप की बेटी का नाम व पता लिया। हालांकि अभी उसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। बता दें कि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की ये छात्रा अन्य छात्रों को अपने पिता के पास ले जाती थी कि वह पास करा देंगे। पैसों का लेनदेन भी यही छात्रा करती थी।
यह है पूरा मामला : चार दिन पहले एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश कुमार ने विवि में छापा मारकर कविराज नाम के पूर्व छात्र को पकड़ा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह लोग एमबीबीएस, एलएलबी, स्नातक, परास्नातक की उत्तरपुस्तिका बदलकर उनके नंबर बढ़ाकर वापस विवि की गोपनीय शाखा में रख देते थे। इस मामले में एसटीएफ कपिल कुमार, संदीप, कविराज, पवन कुमार को जेल भेज चुकी है। कविराज को छोड़कर सभी आरोपी विवि के ही कर्मचारी हैं। पवन को निलंबित कर दिया है।
अब तक पांच कर्मचारियों पर चला चाबुक
मेरठ : चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमबीबीएस की कापियों को बदलने के मामले में सोमवार को दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। दोनों कर्मचारी एसटीएफ की पकड़ से बचने के लिए फरार हो गए हैं। एसटीएफ के राजफाश के बाद विवि की परीक्षा व्यवस्था संदेह के घेरे में आ गई है। विवि ने उत्तर पुस्तिका के कार्यालय अधीक्षक सीपी सिंह और सलेक चंद को भी हटा दिया है। कार्यालय अधीक्षक सीपी सिंह रिटायर होने के बाद भी उत्तर पुस्तिका विभाग में इंचार्ज था। एसटीएफ की दबिश से पहले ही सीपी सिंह और सलेक चंद विवि परिसर से फरार हो गए। उत्तर पुस्तिका बदलने के मामले में मास्टर माइंड सीपी सिंह को माना जा रहा है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा का कहना है कि एसटीएफ को जांच में हर तरह से मदद की जाएगी।
गोपनीय शाखा में ‘मय की गोपनीयता
मेरठ : विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा के सुरक्षा अधिकारी ही विलेन की भूमिका निभा रहे थे। सोमवार को एसटीएफ ने गोपनीय शाखा में शराब की बोतलें बरामद की। साफ है कि यहां ड्यूटी खत्म करने के बाद गोपनीय शाखा को मयखाना बना दिया जाता था। एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश कुमार विवि की गोपनीय शाखा में विवेचक प्रदीप ढोंडियाल और अन्य स्टाफ के साथ पहुंचे। जांच के दौरान उन्होंने गोपनीय शाखा के एक कोने में शराब की बोतलें पड़ी देखी। इस संबंध में जब एसटीएफ ने अन्य स्टाफ से पूछताछ की तो उन्होंने जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
दो और गिरफ्तार किए गए
विवि की गोपनीय शाखा में उत्तरपुस्तिका बदलने के खेल में जिनकी कापियां कविराज के पास थी, उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ सीओ ब्रिजेश कुमार ने बताया कि जो कॉपी उन्हें बरामद हुई है। एक कॉपी पर 6058035-एमबी-7 रोल नंबर लिखा हुआ है। वहीं दूसरी कॉपी पर 6056142-एमबी-7 रोल नंबर लिखा है। इनके क्रमांक नंबर अलग-अलग है। जांच में सामने आया है कि एक कॉपी स्वर्णजीत की है और दूसरी कॉपी आयुष नाम के छात्र की है। स्वर्णजीत संगरुर पंजाब और आयुष पानीपत का रहना वाला है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दोनों छात्रों को मुकदमे में नामजद किया गया है। उधर, एसटीएफ के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र यादव ने इस पूरे मामले में कपिल कुमार निवासी गौतमनगर, संदीप निवासी जयीभीमनगर, कविराज निवासी जागृति विहार,पवन कुमार निवासी सीसीएसयू कैंपस, सीसी सिंह निवासी मेडिकल कॉलेज कैंपस, सलेकचंद निवासी मेडिकल कॉलेज कैंपस, संदीप निवासी हिसार हरियाणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। सूत्रों का कहना है कि हिसार निवासी संदीप मेरठ और आसपास के जिलों में ही छिपा हुआ है।
एसटीएफ ने मेडिकल कॉलेज में छात्रों से की पूछताछ
मुजफ्फरनगर : एमबीबीएस उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के मामले में सोमवार को एसटीएफ की टीम ने मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज पहुंचकर मेडिकल छात्रों से पूछताछ की। हिसार की एक छात्रा समेत कई छात्रों के नाम और पते भी लिए। एसटीएफ इंस्पेक्टर राकेश कुमार के नेतृत्व में सोमवार को एसटीएफ टीम मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज बेगरजपुर पहुंची। यहां टीम ने मेडिकल कालेज के दो छात्रों से काफी देर तक पूछताछ की। एसटीएफ के इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि एसबीबीएस पेपर बदलने के मामले की जांच चल रही है। छात्रों की कापी की हैंड राइङ्क्षटग का मिलान किया जाएगा। चर्चा यह भी है कि टीम दो मेडिकल छात्रों को अपने साथ ले गई है। परीक्षा केन्द्र प्रभारी और मेडिकल कालेज प्रबंधन इससे इन्कार कर रहा है।
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