न्यूज़ डेस्क : वैसे तो भारत के साइबर स्पेस पर दुनिया के बहुत सारे मुल्कों की बुरी नजर लगी रहती है। लेकिन हमारा पड़ोसी मुल्क चीन एक ऐसा देश है जो भारत के साइबर स्पेस में सबसे ज्यादा घुसपैठ करता है। हाल में आयोजित भारतीय मोबाइल कांग्रेस में इस बात की पुष्टि हुई कि भारत के साइबर स्पेस में चीन समेत पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी जैसे कई मुल्कों ने अपनी घुसपैठ करने की बहुत कोशिशें की।
हाल में ही आयोजित भारतीय मोबाइल की वर्चुअल कांग्रेस में दुनिया भर के 27 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सेदारी की। इस कांग्रेस में साइबर सिक्योरिटी से लेकर के 5-जी जैसी मोबाइल तकनीकों के बारे में चर्चा हुई। इस कांग्रेस के दौरान ही एक सर्वे के हवाले से पता चला कि भारत के साइबर स्पेस में सबसे ज्यादा चीन ने तकरीबन 35 फीसदी हमले किए हैं। बाकी 65 फीसदी हमला करने वालों में पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा, रूस और जर्मनी समेत दुनिया के कई अलग-अलग मुल्क शामिल रहे।
ऐसे साइबर हमलों से निपटने के लिए बाकायदा संचार मंत्रालय समेत देश के कई अन्य महकमों की पूरी एक कमेटी बनी हुई है। ऐसी ही एक कमेटी से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी को लेकर देश में लगातार समय-समय पर मॉक ड्रिल भी की जाती हैं। ताकि साइबर सिक्योरिटी को लेकर जो खामियां या जो आवश्यकताएं हों उनको दुरुस्त किया जा सके।
इस मॉक ड्रिल में सभी सरकारी वेबसाइटों समेत देश की अन्य अहम जानकारियों को पूरी तरीके से सुरक्षित रखने के प्रावधानों को देखा जाता है। अगर कहीं पर कोई खामी या कोई दिक्कत नजर आती है तो संबंधित महकमों को बता कर उसको दुरुस्त भी किया जाता है। हालांकि देश में इन साइबर हमलों से अभी तक कोई भी नुकसान नहीं हुआ है।
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण देश के साइबर स्पेस में घुसपैठ करने की लगातार कोशिश की जा रही है। खुफिया एजेंसी और सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान, कनाडा, अमेरिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे कई मुल्कों से भारत के साइबर स्पेस में हमला किया जा सकता है। इसको लेकर कुछ दिन पहले ही सुरक्षा एजेंसियों की एक बैठक हुई। उस बैठक में तय हुआ कि आंदोलन से जुड़े लोगों और उनके करीबियों के सोशल मीडिया अकाउंट समेत अन्य दूसरी तकनीकी सेवाओं से जुड़ी पूरी जानकारियां इकट्ठी की जाएं।
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