न्यूज़ डेस्क : केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भेजा है। केंद्र सरकार ने तीन दिनों में अपना जवाब देने को कहा है। इसके अलावा अलपन के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51(b) भी लगाई है।बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में देरी से पहुंचने पर बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
केंद्र ने 15 मिनट इंतजार की कहानी बताई
केंद्र ने एक चिट्ठी में लिखा कि पीएम मोदी चक्रवात यास से प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे थे। इसके बाद यहां पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव की बैठक होनी थी। इसके बाद पीएम मोदी को मीटिंग रूम में अधिकारियों के लिए 15 मिनट का इंतजार करना पड़ा था।
इसके बाद अधिकारियों ने मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को फोन लगाया और पूछा कि क्या वो बैठक में शामिल होंगे या नहीं। इसके बाद मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री बैठक में पहुंचे और वहां से तुरंत निकल भी गए। इसे पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में अनुपस्थित होना ही माना जाएगा।
केंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के चेयरमैन भी हैं और अलपन बंदोपाध्याय की ये हरकत कानूनी तौर पर दिए गए दिशा निर्देशों के खिलाफ थी। इसलिए अलपन बंदोपाध्याय पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51(b) भी लगा। केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि हमने अलपन बंदोपाध्याय से जवाब मांगा कि उन पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51(b) लगाकर क्यों ना कार्रवाई की जाए।
क्या है आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51(b)?
केंद्र और राज्य के किसी भी अधिकारी को या इन सरकारों द्वारा अधिकृत व्यक्ति के कामों में बिना उचित कारण के बाधा डालने पर एक्शन लिया जा सकता है। इसके अलावा केंद्र, राज्य, राष्ट्रीय समिति या राज्य की समिति की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन ना करने पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। इस एक्ट के तहत एक साल की जेल या जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।
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