हैदराबाद 17 महिन्द्रा इकोल सेन्ट्राल (एमईसी) ने चार साल के बी टेक प्रोग्राम में दाखिले की घोषणा की है। यह इसके हैदराबाद कैम्पस के लिए है और शिक्षा सत्र 2019-23 के लिए है। कुल 240 सीटें हैं और हरेक सुविज्ञताओं जैसे कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, मेकैनिकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग में 60 सीट उपलब्ध हैं।
आईबी या अन्य स्वीकृत बोर्ड से जिन छात्रों के पास सभी विषयों में 60ः एग्रीगेट अंकों के साथ किसी वैधानिक बोर्ड से 10़2 या समतुल्य की डिग्री है, दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। दाखिला या तो जेईई मेन 2019 के आधार पर दिया जाएगा श्रम्म्जेईई मेन 2019 परीक्षा में योग्य हों या श्रम्म् जेईई एडवांस्ड 2019में बैठने के योग्य हों) या ै।ज्एसएटी स्कोर्स (न्यूनतम 1800 उन विषयों में जिनमें गणित, भौतिक शास्त्र और रसायन शास्त्र शामिल होने चाहिए)।
आवेदन करने के लिए छात्र को पोर्टल पर लॉग ऑन करना होगा और ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा। जो योग्य छात्र 10 मई 2019 के पहले आवेदन करेंगे उन्हें कौनसेलिंग के पहले चरण में शामिल करने पर विचार किया जाएगा। (आमतौर पर यह मई के अंतिम या जून के पहले हफ्ते में होना निर्धारित होता है।) आवेदन पत्र 7 जुलाई 2019 तक भरे जा सकते हैं।
महिन्द्रा इकोल सेन्ट्राल की स्थापना उच्च स्तर के उद्योग और शिक्षाक्षेत्र की सहक्रिया से हुआ है। महिन्द्रा इकोल सेन्ट्राल के डायरेक्टर डॉ. यजुलु मेडुरी कहते हैं, “एमईसी उद्योग के लिए तैयार इंजीनियर बनाने पर ध्यान देता है, ये वो लोग होते हैं जो ना सिर्फ आवश्यक कौशल से युक्त होते हैं बल्कि अच्छे प्रबंधक, लीडर और इनोवेटर भी होते हैं।”
एमईसी के पाठ्यक्रम को इस तरह डिजाइन किया गया है जो यह सुनिश्चित करता है यहां के छात्रा बहुआयामी हों, उत्कृष्ट इंजीनियरिंग शिक्षा से युक्त हों और उद्योग के लिए तैयार इंजीनियर के रूप में पढ़ाई पूरी कर निकलें। डॉ. मेडुरी ने आगे कहा, “हमारा मानना है कि एमईसी में हम ऐसे इंजीनियर तैयार करते हैं जो अंतरराष्ट्रीय चुनौती का सामना कर सकते हैं और लीडर्स, आंत्रप्रेन्योर्स और इनोवेटर्स बन सकते हैं।”
एमईसी इंजीनियरिंग शिक्षा में भिन्न विषयों वाले प्रोग्राम की पेशकश करता है जिसमें ह्युमैनिटीज, सोशल साइंसेज, मैनेजमेंट और फिलॉस्फी का मेल रहता है। यह सही अर्थों में एक अंतरराष्ट्रीय प्रोग्राम है जिसका फोकस एक प्राकृतिक, रचनात्मक और इंजीनियरिंग साइंस पर रहता है। यहां छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ के अनूठे सांस्कृतिक विलय का भी माहौल होता है। इसके अलावा, फोकस उद्योग के प्रति झुकाव वाली शिक्षा मुहैया कराने पर है। इसके लिए मजबूत इंडस्ट्री कनेक्ट पहल, गेस्ट लेक्चर, मैनडेटरी इनटर्नशिप, अनुसंधान आधारित कार्यक्रमों का उपयोग किया जाता है जिसका उद्योग से करीबी संबंध होता है।
चार साल की बीटेक डिग्री छात्र को अनूठी योग्यता देगी जिससे वे इंजीनियरिंग की अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर सकेंगे और नई टेक्नालॉजी अपना सकेंगे जिससे उन्हें भविष्य को पुनर्पारिभाषित करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ऐसे पेशेवर तैयार होंगे जो बहुराष्ट्रीय संगठनों की जटिलताओं से निपटने में उस्ताद होंगे। एमईसी (महिन्द्रा इकोल सेन्ट्राल) विश्व स्तर की संरचना मुहैया कराता है ताकि छात्रों और फैकल्टी के लिए मजबूत अनुसंधान कार्यक्रम को सपोर्ट किया जा सके।
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