अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से दस प्रस्ताव पास
कोरोना संक्रमण रुका तो सभी शाही स्नान होंगे, भव्य और दिव्य होगा महाकुंभ
महंत दिग्विजय नाथ, अशोक सिंहल और अन्य संतों का भारत रत्न देने की मांग
पारित प्रस्ताव 28 अगस्त को देहरादून में मुख्यमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक में रखे जाएंगे
न्यूज़ डेस्क : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में तय किया गया कि हरिद्वार में 14 जनवरी 2021 को मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ की शुरूआत तय समय पर ही होगी। कुंभ भव्य और दिव्य तरीके से होगा या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति रहेगी।
बैठक में परिषद ने तय किया कि यदि कोरोना संक्रमण खत्म हो गया तो कुंभ के सभी शाही स्नान का आयोजन भव्य तरीके से होगा। वरना सभी अखाड़ों के कुछ संत ही स्नान करेंगे। बैठक में इसके अलावा 10 प्रस्ताव पास किए गए। सरकार से मांग की गई कि वह कुंभ की सभी तैयारियां पूरी कर ले। ये प्रस्ताव 28 अगस्त को देहरादून में मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में रखे जाएंगे।
बुधवार को श्रीपंच दशनाम जूना भैरव अखाड़ा में आहूत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में 13 अखाड़ों के संत और महंतों शामिल हुए। बैठक का नेतृत्व परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने किया। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि बैठक में सभी साधु संतों ने तय किया कि कुंभ अपने तय समय पर ही होगा। शासन और प्रशासन से कुंभ क्षेत्र में समुचित सुविधाएं जुटाने के लिए तेजी के साथ काम करने की मांग के अलावा कई अहम प्रस्ताव पास किए गए।
बैठक में विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल, गोरखनाथ पीठ के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ, निर्वाणी अणी के ब्रह्मलीन रामआश्रेय दास, दिगंबर अणि के ब्रह्मलीन महंत रामचंद्र परमहंस को भारत रत्न देने की मांग भी उठाई गई। बैठक का संचालन महामंत्री हरि गिरि महाराज ने किया।
बैठक में पारित प्रमुख प्रस्ताव
– अखाड़ों के ईष्टदेव के नाम पर एक-एक घाट आवंटित हो।
– पेशवाई निकलने वाले मार्गों की मरम्मत।
– कुंभ के दौरान 50 किमी क्षेत्र या संभव दूरी पर पार्किंग बने ।
– श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क यातायात की व्यवस्था हो ।
– अखाड़ों के सभी संपर्क मार्ग व्यवस्थित किए जाएं।
– बैरागी कैंप में दिगंबर अणि, निर्मोही अणि, निर्वाणी अणि अखाड़े को भूमि आवंटित करें ।
– बैरागी कैंप की भूमि पर अतिक्रमण न होने दें।
– भू-समाधि के लिए स्थायी जमीन आवंटित करें ।
बैठक में ये संत हुए शामिल
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल से महंत देवेंद्र शास्त्री, अग्नि अखाड़े से महंत मुख्तानंद, जूना अखाड़ा से महंत महेश पुरी, जूना आह्वान से महंत सत्यगिरी, निरंजनी अखाड़े से महंत ओमकार गिरि, आनंद अखाड़ा से महंत शंकरानंद सरस्वती, महानिर्वाणी से महंत कृष्णापुरी, अटल अखाड़ा से महंत बलराम भारती, नया उदासीन बड़ा अखाड़ा से महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, निर्वाणी अणि से महंत मोहनदास, दिगंबर अणि से महंत कृष्णदास, निर्मोणी अणि से महंत राजेंद्र दास, महंत रामजी दास, नया उदासीन से महंत भगतराम, जूना अखाड़ा से महंत सोहन गिरि, महंत गणपति गिरि, निरंजनी अखाड़ा से श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, संपूर्णानंद ब्रह्मचारी आदि शामिल हुए।
कुंभ-2021 के स्नान की तिथियां
शाही स्नान की तिथियां
मुख्य स्नान – 14 जनवरी मकर संक्रांति पर
पहला शाही स्नान- 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर
दूसरा शाही स्नान- 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर
तीसरा शाही स्नान- 14 अप्रैल को बैसाखी मेष पूर्णिमा पर
चौथा शाही स्नान- 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर
यह होंगे पर्व स्नान
11 फरवरी मौनी अमावस्या पर
13 फरवरी वसंत पंचमी पर
27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर
13 अप्रैल नव संवत्सर पर।
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