नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (एस) प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने कहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में एच डी कुमारस्वामी के शपथग्रहण में भले ही कई भाजपा दलों के नेता शामिल हुए हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से राज्यों में अपने कैडरों को स्पष्ट ‘‘संकेत’’ है कि वे जल्द ही नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहें।
देवगौड़ा दिल्ली रक्षा संबंधी मुद्दों पर संसदीय समिति की बैठक में शामिल होने आए थे जो स्थगित हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस के साथ कुछ मुद्दे होने के बावजूद हम उसके साथ मिलकर लड़ेंगे।’’
देवगौड़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस-जनता दल (एस) समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरमैया की उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इसमें उन्होंने कहा था कि वर्तमान कर्नाटक सरकार एक साल ही चलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह उन्हें लगता है।’’ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
यद्यपि ऐसी अफवाह हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस 18 सीटों पर लड़ेगी और जनता दल (एस) को शेष 10 सीट मिलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दे पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कुमारस्वामी चर्चा करेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे।’’
देवगौड़ा ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में एक संसदीय सीट अपनी सहयोगी बसपा को देना चाहती है। ‘‘बदले में, मैं बसपा से कहूंगा कि वह उत्तर प्रदेश में एक सीट जनता दल- एस के महासचिव दानिश अली को दे। केरल में एलडीएफ हमें एक सीट देगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘ आगामी दिनों ’’ में वह गैर राजग नेताओं से मिलेंगे। यह उल्लेख करते हुए कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक ही समय पर चुनाव कराने का संकेत दे रहे हैं, देवगौड़ा ने कहा कि जल्द से जल्द तीसरे मोर्चे का गठन समय की जरूरत है।
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