खजाना खाली है, कांग्रेस किसानों को कैसे देगी कर्जमाफी का तोहफा

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान लोक-लुभावन वादे कर सत्‍ता संभालने की तैयारी कर रही कांग्रेस के सामने सबसे पहले बड़ा संकट यह है कि राज्य का खजाना खाली है और उसने सत्ता में आने के दस के भीतर कर्जमाफी करने की घोषणा कर रखी है। सत्ता संभालते ही उसके सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी।
उधर, सचिवालय के अधिकारियों ने राज्‍य की आर्थिक ‘सेहत’ से जुड़े आंकड़े तैयार करना शुरू कर दिया है, ताकि उन्हें अगले कुछ दिनों में नए मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जा सके। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में किसानों से वादा किया था कि अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।

मध्‍य प्रदेश की आर्थिक सेहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्‍य सरकार का खजाना खाली होने की वजह से अपने लोन वापस चुकाने की समय सीमा में बदलाव करना पड़ रहा है। उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों ने बताया खजाना लगभग खाली है और अक्‍टूबर तथा दिसंबर में लिए गए लोन की तीन किश्‍तों को भी राज्‍य सरकार को अदा करना होगा। वित्‍त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्‍य सरकार पर 1,60,871.9 करोड़ का कर्ज है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह वास्‍तविकता में 1,87,636.39 करोड़ है।
सूत्रों ने बताया मध्‍य प्रदेश की निवर्तमान सरकार ने संबल योजना के लिए ही अकेले करीब 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। राज्‍य सरकार ने इस महीने लोन लेते समय अपने अध्‍यादेश में कहा था कि इस लोन का इस्‍तेमाल पॉवर डिस्‍कॉम को दुरुस्‍त करने में किया जाएगा। पूर्व वित्‍तमंत्री जयंत मलैया ने बताया चुनाव से ठीक पहले संबल योजना के तहत 5146 करोड़ का जनता बिजली बिल माफ किया गया।

दमोह से चुनाव हारने वाले पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा कांग्रेस ने राज्‍य की आर्थिक हालत को समझे बिना ही लंबे-लंबे चुनावी वादे कर डाले हैं। उन्‍होंने इशारों में स्‍वीकार किया कि राज्‍य की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। उधर, कांग्रेस प्रवक्‍ता भूपेंद्र गुप्‍ता ने कहा भाजपा सरकार के कुशासन की वजह से हमें खाली खजाना मिल सकता है, लेकिन हम किसानों की कर्जमाफी समेत सभी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बीच सूत्रों ने बताया कि मध्‍य प्रदेश के 41 लाख किसानों ने 56,377 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। वहीं 21 लाख ऐसे किसान हैं जिन्‍होंने 14,300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया और अदा नहीं किया है। यह कर्ज अब एनपीए बन चुका है। इसमें वे किसान भी शामिल हैं जिन्‍होंने 2 लाख रुपये से ज्‍यादा का लोन ले रखा है।

मलैया ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के कड़े दिशा-निर्देशों की वजह से राज्‍य सरकार बहुत ज्‍यादा लोन नहीं ले पाएगी। उन्‍होंने कहा सरकार एक हजार करोड़ रुपए से ज्‍यादा का लोन नहीं ले पाएगी। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक सरकार ने 5 अक्‍टूबर, 12 अक्‍टूबर और 9 नवंबर को क्रमश: 500 करोड़, 600 करोड़ और 800 करोड़ रुपए का लोन लिया था। 4 दिसंबर को अंतिम बार पैसा लिया गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नई सरकार को जनवरी से मार्च तक सरकार चलाने के लिए अभी और लोन लेना पड़ेगा।

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