मध्यप्रदेश : उपचुनावों में हारे सिंधिया के समर्थकों को निगम-मंडलों में जगह देने की तैयारी में शिवराज
न्यूज़ डेस्क : मध्यप्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनावों में कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। उनकी निराशा दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब उन्हें निगम-मंडलों में जगह देने की तैयारी कर ली है। उपचुनाव में हारने वाले मंत्रियों में एंदल सिंह कंसाना, इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया मुख्य रूप से शामिल हैं।
कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिलेगा
शिवराज सरकार हारे मंत्रियों को निगम-मंडलों में जगह देने के साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दे सकती है। बताया गया है कि इमरती देवी को महिला वित्त एवं विकास निगम और दंडोतिया को हाउसिंग बोर्ड में जगह मिल सकती है। हालांकि, इसके लिए पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी स्तर पर चर्चा करेंगे, इसके बाद ही आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
पुनर्वास तय होने पर ही देंगे इस्तीफे
एंदल सिंह कंसाना ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे अभी मंजूरी मिलना बाकी है। वहीं, इमरती देवी और गिर्राज ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। सूत्रों ने बताया है कि पुनर्वास का मामला तय होने के बाद ही ये दोनों नेता अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेजेंगे। बताया गया है कि उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले नारायण पटेल और सुमित्रा देवी कास्डेकर को भी निगम-मंडल अथवा आयोग में बैठाया जा सकता है।
बसपा विधायक रामबाई को भी यह है उम्मीद
दूसरी तरफ, बसपा विधायक रामबाई एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में आ गई हैं। दरअसल, उन्होंने संकेत दिया है कि वह अगला चुनाव भाजपा से लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि मैं अगला चुनाव भाजपा से लडूंगी। रामबाई ने मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर कहा कि सबको पता है कि मंत्री पद तो नहीं मिलेगा, लेकिन भूपेंद्र सिंह और नरोत्तम मिश्रा की जुबान पर भरोसा है, निगम-मंडल मिल सकता है। मंत्री का दर्जा भी रहेगा।
वीडी शर्मा ने की केंद्रीय मंत्रियों व सिंधिया से मुलाकात
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बुधवार को दिल्ली में संसद की दो कमेटियों की बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद प्रधान और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। बताया गया है कि जल्द ही शर्मा अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पांच प्रदेश महामंत्रियों का एलान हो चुका है। अब प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश मंत्री समेत अन्य पदों को भरा जाना बाकी है। वहीं, प्रदेश महामंत्री की तरह उपाध्यक्ष के पद को लेकर भी खींचतान जारी है।
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