मध्य प्रदेश : पीपुल्स अस्पताल पर गंभीर आरोप, भोपाल गैसकांड के पीड़ितों को बिना बताए कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का आरोप

न्यूज़ डेस्क : भोपाल में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर आम लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां के लोगों ने पीपुल्स अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कोरोना का टीका लगाने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें यह तक नहीं बताया कि वह वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया का हिस्सा हैं। अस्पताल पर यह भी आरोप लगाए गए हैं कि भोपाल गैसकांड के पीड़ितों को बिना बताए वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया में शामिल कर उन्हें कोरोना की वैक्सीन लगा दी गई। 

 

 

 

कोरोना के टीके का बताते तो हम नहीं लगवाते

गैसकांड के पीड़ितों का कहना है कि उन्हें वैक्सीन लगाए जाने से पहले अस्पताल द्वारा इसके संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई। उन्हें केवल यह कहकर टीका लगा दिया गया कि यह मुफ्त में लगाए जा रहे हैं। 70 साल के मानसिंह परमार ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उन्हें कहा गया कि इंजेक्शन लगने के बाद उन्हें कोरोना नहीं होगा। उनका कहना है कि अगर अस्पताल वाले बताते कि यह कोरोना का टीका है, तो वह इसे नहीं लगवाते।

 

 

  

टीका लगाने के बाद रिपोर्ट पाॅजिटिव आई

शंकर नगर निवासी गोलू दास ने बताया कि टीके का पहला डोज लगवाने के बाद उनकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें दूसरा टीका भी नहीं लगाया गया। उन्होंने बताया कि बाद में अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें व कई अन्य लोगों को बुलाकर एक वीडियो बनवाई। इसमें वह यह कहलवाना चाह रहे थे कि अस्पताल उनके लिए दवाई से लेकर इलाज तक की व्यवस्था कर रहा है। 

 

 

 

टीका लगने के बाद तबीयत हो रही खराब

वहीं, गैसकांड पीड़ितों ने बताया कि उन्हें वैक्सीन की खुराक देने से पहले जरूरी इन्फॉर्म्ड कंसेंट यानी सहमति सूची की प्रतियां भी नहीं दी गईं। ट्रायल में शामिल एक शख्स ने आरोप लगाया है कि कोरोना वैक्सिन लगवाने के बाद से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी है। 

 

 

 

सवालों के घेरे में पीपुल्स अस्पताल 

इन सब मुद्दों को लेकर भोपाल की ही रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने रविवार को ऑनलाइन वीडियो प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें वे कई पीड़ितों को सामने लेकर आईं। उन्होंने कहा कि अस्पताल द्वारा लोगों के साथ लापरवाही बरतना गंभीर सवाल खड़ा करती है। प्रेस कांफ्रेंस में यह बताया गया है कि अस्पताल के आसपास मौजूद 6 बस्तियों से 600 से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगा दिया गया है। इन आरोपों के बीच पीपुल्स अस्पताल रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करने वाला था, जिसे बाद में  रद्द कर दिया गया। अब प्रबंधन का कहना है कि वे इस संबंध में  बाद में प्रेस कांफ्रेंस कर अपन पक्ष रखेंगे।

 

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