मध्यप्रदेश : राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट को लेकर एक-दूसरे को लिखे पत्र

 न्यूज़ डेस्क : मध्यप्रदेश में नौ मार्च से शुरू हुई सियासी उठापटक के बाद ताजा हालात की बात करें तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट को लेकर एक-दूसरे को पत्र लिखे हैं। इधर, शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ही बहुमत परीक्षण के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसपर सुनवाई के लिए अदालत तैयार हो गई है। इस मामले पर 12 घंटे के अंदर सुनवाई होगी। वहीं शिवराज के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से बहुमत परीक्षण कराने की मांग की। 

राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री, बोले- मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट देना?
मध्यप्रदेश में सियासी संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार को प्रदेश के राज्यपाल दो बार चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की बात कह चुके हैं। दूसरी चिट्ठी मिलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं राज्यपाल से मिला, हमने वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की।

मैंने आज विधानसभा में उनके संबोधन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मैंने कहा कि हम संविधान के भीतर चीजों के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसके दायरे से बाहर नहीं जा सकते। बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाई है। आज हमारे पास संख्या बल है। 

उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि हमारे (कांग्रेस) के पास संख्या नहीं है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है, मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट देना? 16 विधायकों (कांग्रेस के बागी विधायकों) को क्या समस्या है? उन्हें आपके सामने आना चाहिए और अपनी राय रखनी चाहिए।

 

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