मां के व्यवहार से पड़ता है बच्चों पर प्रभाव

न्यूर्याक। जो मांएं अपनी भावनाओं पर बेहतर नियंत्रण करती हैं और जिनमें समस्या को सुलझाने की क्षमता दूसरों के मुकाबले अधिक होती है उनके बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं होने की संभावना काफी कम होती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है।

अध्ययन के परिणामों के अनुसार ऐसी मांएं जो अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाती हैं वे अपने बच्चों पर कम चिल्लाती और गुस्सा करती हैं। इस अध्ययन के अनुसार जब आप अपनी जिंदगी का नियंत्रण खो देते हैं तो इसका असर इस बात पर भी पड़ता है कि आप अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करते हैं। आपके जीवन में मौजूद अराजकता और अव्यवस्था का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से आपके बच्चे के व्यवहार पर भी पड़ता है।

इस अध्ययन में 21 से 49 साल के बीच की 152 मांओं से लिए गए आंकड़ों को शामिल किया गया। इन मांओं के बच्चों की उम्र 3 से 7 साल के बीच थी। मांओं के भवनात्मक नियंत्रण को मापने के लिए 10 आइटम की प्रश्नावली तैयार की गई थी जिसमें- कितनी बार आप जरूरत से ज्यादा गुस्सा करती हैं, कितनी बार छोटी-छोटी बातों पर ओवररिऐक्ट करती हैं जैसे सवाल शामिल थे। परिणाम बताते हैं कि वैसी मांएं जिनमें संज्ञानात्मक नियंत्रण ज्यादा था उनमें पैरंटिंग ऐटिट्यूड की समस्या नहीं थी। जब कोई व्यक्ति विचलित, चिड़चिड़ा और थका हुआ महसूस करता है तो इस बात के स्पष्ट संकेत मिल जाते हैं कि वह खुद पर से नियंत्रण खो रहा है।

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