एम-जक्शन को हाइड्रोकार्बन महानिदेषालय द्वारा 5 वर्षीय ई-बिडिंग अनुबंध

एम-जक्शन को हाइड्रोकार्बन महानिदेषालय द्वारा 5 वर्षीय ई-बिडिंग अनुबंध दिया गया

 भारत की सबसे बड़ी बी2बी ई-काॅमर्स कम्पनी एम-जक्शन सर्विसेज़ लिमिटेड को हाइड्रोकार्बन महानिदेषालय द्वारा तेल एवं गैस फील्ड की ई-बिडिंग (ई-बोली), बिड्स के ई-इवैल्यूएषन (ई-मूल्यांकन) तथा ई-एल्लोकेषन (ई-आवंटन) के लिए 5 वर्षीय अनुबंध दिया गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार यह प्लेटफाॅर्म देष के प्राकृतिक संसाधनों के पारदर्षी आवंटन में मदद करेगा तथा देष के लिए तेल आयात का बिल सालाना 8 बिलियन डाॅलर तक कम करने में मदद करेगा।

एम-जंक्षन के सीईओ श्री विनय वर्मा ने कहा, ‘‘मुझे खुषी है कि भारत सरकार के लिए स्पैक्ट्रम की ई-नीलामी के प्रबन्धन के अलावा इस महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी के लिए हम पर भरोसा किया गया है। हम बड़े मूल्य की ई-नीलामियों के संचालन और डिज़ाइन में ज़बरदस्त दक्षता हासिल कर चुके हैं और मैं इस महत्वपूर्ण अनुबंध के लिए डीजीएच के प्रति आभारी हूँ।’’

डीजीएच अन्वेषण एवं उत्पादन गतिविधियों में रुचि रखने वाले बोलीबाताओं के लिए तेल एवं गैस फील्ड के आवंटन हेतू पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक नोडल एजेंसी है। श्री वर्मा ने बताया कि एम- जक्शन हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एवं लाइसेंसिग पाॅलिसी ;फ्रेमवर्क के तहत तेल एवं गैस फील्ड के आवंटन, बोली के मूल्यांकन आदि के लिए अपने ई-बिडिंग साॅफ्टवेयर को कस्टमाइज़ करेगा, इस फ्रेमवर्क का गठन 2015 में किया गया था।  18 साल पुरानी न्यू एक्सप्लोरेषन लाइसेंसिंग पाॅलिसी ; की जगह ली और उम्मीद की जा रही है कि यह उन सभी सीमाओं को दूर कर देगा जो प्राकृतिक संसाधनों के अन्वेषण में अक्षमता का कारण बनती हैं।

नई नीति घरेलू तेल एवं गैस उत्पादन को बढ़ाएगी, सेक्टर में निवेष आकर्षित करेगी और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी। उर्जा तथा तेल, गैस एवं पेट्रोलियम सेक्टर में मौजूदा आयात 82 फीसदी है। उम्मीद की जा रही है कि भ्म्स्च् के लागू होने के बाद 2022 तक आयात में कम से कम 10 फीसदी की गिरावट आएगी। उन्होंने बताया।

 सभी प्रकार के हाइड्रोकार्बन के अन्वेषण और उत्पादन के लिए एक यूनिफाॅर्म लाइसेंस की शुरूआत की है, यह खुली एकड़ नीति कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के लिए आसान राजस्व शेयरिंग माॅडल तथा मार्केटिंग एवं कीमत निर्धारण को बढ़ावा देगी।

 

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