मधुमेह और मोटापा आज दुनिया के सामने आने वाली स्वास्थ्य से जुडी दो प्रमुख चुनौतियाँ हैं। ये दोनों चुनौतियाँ आमतौर पर एक साथ आती है और इसे “डायबिटीज” कहा जाता है। डब्लूएचओ के अनुसार हर साल लगभग 30 लाख लोग दुनिया भर में डायबिटीज से मर जाते हैं। अमेरिका ने पिछले साल डायबिटीज या इसकी जटिलताओं का इलाज करने के लिए 200 बिलियन डॉलर्स खर्च किए। यह भारत के कुल स्वास्थ्य देखभाल बजट से अधिक है।
भारत एक विकासशील राष्ट्र है पर अब इसे दुनिया की डायबिटीज की राजधानी माना जाता है। हम बीमारी का इलाज करने पर इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते इसलिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि डायबिटीज को रोका जा जाए। अच्छी खबर यह है कि अगर वैज्ञानिक तरीके से सही समय पर इसके निदान के लिए प्रयास किए जाए तो ना सिर्फ डायबिटीज की रोकथाम की जा सकती है बल्कि यदि यह हो चुकी है तो इसके प्रभाव को कम भी किया जा सकता है। इसके लिए हमें अपने आहार और व्यायाम पर विशेष ध्यान देकर सही दवाइयां लेनी होगी और तनाव मुक्त जीवन जीना होना।
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ संदीप जुल्का कहते हैं कि – आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि ” मधुमेह की जानकारी जीसे हो वही लम्बा और खुशहाल जीवन जीता है” इसलिए मैंने और मेरी टीम ने डायबिटीज पर एक कम्पैनियन बुकलेट लिखी है, जो डाइबिटिक व्यक्ति को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए सारी जानकारी देती है। इसका नाम है “मधुमेह पर चर्चा”। इस बुकलेट का विमोचन 26 जनवरी को 12 बजे प्रोफेसर डॉ. वीपी पांडे (एचओडी मेडिसिन विभाग), प्रोफेसर डॉ. प्रेमलता पारिख (बाल चिकित्सा विभाग की पूर्व एचओडी) और सीएमएचओ इंदौर डॉ प्रवीण जडिया जाल ऑडिटोरियम में करेंगे।इसी के साथ डायबिटीज रोकथाम और रिवर्सल कब और केसे विषय पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है l
मरीजों को डाइट और एक्सरसाइज़ का महत्व समझाने के लिए डॉक्टर्स भी फॉलो करते हैं फिटनेस रेजीम
हमारे पास अपने क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं, जो डायबिटीज को रोकने में सभी की मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं विशेषज्ञों के इस पैनल का हर डॉक्टर स्वयं भी उचित आहार लेने के साथ व्यायाम भी करता हैं ताकि वह अपने अनुभवों के आधार पर दूसरों की सहायता कर पाएं।
इस पैनल में डॉ कल्पना भराणी है, जो मेडिकल कॉलेज में पढ़ाती हैं। उन्होंने ना सिर्फ अपना 20 किलोग्राम वजन कम किया है बल्कि वे इसे बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम भी करती है। यही कारण है कि वे आगामी 2 फरवरी को इंदौर मैराथन में 42 किलोमीटर दौड़ने वाली है।
इसी तरह डॉ राजेश भराणी एक नेफ्रोलोजिस्ट होने के साथ ही एक मैराथन रनर भी है। वे जानते हैं डायबिटीज और हाई बीपी किडनी को कैसे प्रभावित करता है।
डॉ अलकेश जैन एक कार्डियोलॉजिस्ट हैं, जो व्यायाम करने के लिए रोजाना रालामंडल में रनिंग करते हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि उनके मरीजों के लिए आहार और व्यायाम का क्या महत्व है।
डॉ संदीप जुल्का एंडोक्रिनोलॉजिस्ट हैं। वे मधुमेह और मोटापे की रोकथाम के विशेषज्ञ हैं। वे स्वयं प्रतिदिन व्यायाम करते हैं और पिछले 12 वर्षों से शहर के लोगों को हेल्थ और फिटनेस के प्रति जागरूक करने का प्रयत्न कर रहे हैं।
डायबिटीज की रोकथाम के लिए पैनल ने दिए ये महत्वपूर्ण सुझाव
1) डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल जीने का संकल्प करें और इसे पूरा करें। डायबिटीज और मोटापा समय के साथ कम किया जा सकता है और हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए हम अपने प्रियजनों को बेहतर स्वास्थ्य दे सकते हैं। इसके लिए उठाया गया पहला कदम महत्वपूर्ण है।
2) इसके लिए अपने फिटनेस रेजीम में पूरे परिवार को शामिल करें, माता-पिता और बच्चों को भी। तभी सफलता मिलेगी।
3) छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करने के लिए काम करें। अचानक वजन कम होना या क्रैश डाइट अच्छा नहीं है। विशेषज्ञों की मदद लें।
4) स्वास्ध्यवर्धक संतुलित आहार लें, जिसमें फल, पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, दही और साबुत अनाज के साथ मल्टी ग्रेन आटा शामिल होता है। कार्बोनेटेड पेय, भारतीय और पश्चिमी दोनों तरह के फास्ट फूड और फलों के रस से दूर रहें। ऐसी सब्जियां खाएं, जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो और वे ताजा हो। पैकेज्ड फूड का सेवन नहीं करें और कोई भी खाने का सामान खरीदने से पहले फूड लेबल में लिखी जानकारी जरूर पढ़ें।
5) व्यायाम करें। डायबिटीज की रोकथाम और नियंत्रण में व्यायाम की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। पुरे परिवार के साथ अपना पसंदीदा व्यायाम करें। आप डांसिंग, जॉगिंग या साइकिलिंग कर सकते हैं या फिर जिम जा सकते हैं। आप जो भी व्यायाम करें उसका आनंद लें। इस तरह आप स्वयं को अवसाद से भी बचाएंगे।
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