लोकसभा चुनाव में ‘राफेल मुद्दा’ नहीं छोड़ेगी कांग्रेस : पृथ्वीराज चव्हाण – :: राफेल घोटाले की जॉंच सीबीआई या जेपीसी से कराई जानी चाहिए ::
इन्दौर। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार के लिए क्लीन चिट मानने से इंकार करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरूवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में 36 हजार करोड़ की कथित गड़बड़ी के राफेल सौदे का मुद्दा कांग्रेस प्रमुखता से उठायेगी।
इन्दौर प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार ऐसे प्रचारित कर रही है जैसे उन्हें क्लीन चिट मिल गयी हो। चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को हम क्लीन चिट कतई नहीं मानते, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट कोई जॉंच एजेंसी नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘राफेल डील’ का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है, आगामी लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस इस मुद्दें को प्रमुखता से उठाएगी। चव्हाण ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने राफेल विमानों के अंतर-सरकारी करार में फ्रांस को 36,000 करोड़ रुपये के “अधिक भुगतान” पर सहमति जतायी और इस सिलसिले में सरकारी खजाने की सेहत व रक्षा खरीद की तय प्रक्रिया को नज़र अंदाज किया है।
चव्हाण ने कहा कि रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने एक सवाल के जवाब में संसद को बताया था कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुए समझौते के तहत एक राफेल विमान की कीमत 670 करोड़ रुपये निश्चित की गयी है। फिर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर फ्रांस गये और ऐलान किया कि 36 राफेल विमानों का सौदा करीब 60,000 करोड़ रुपये में तय किया गया है। चव्हाण ने कहा कि इसका सीधा मतलब है कि एक राफेल विमान की कीमत 670 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब लगभग 1,670 करोड़ रुपये हो गयी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सीधा आरोप है कि एक राफेल विमान की कीमत में 1,000 करोड़ रुपये की वृद्धि कर भ्रष्टाचार किया गया है। कुल 36,000 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जॉंच सीबीआई या जेपीसी के जरिये कराई जानी चाहिये। पृथ्वीराज चव्हाण ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में शामिल सभी मंत्रियों को राफेल सौदे की कथित गड़बड़ियों पर उनकी कथित चुप्पी तोड़ने की मॉंग भी की।
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