अमेरिकी हवाई अड्डे पर भारतीय महिला की 8 घंटे की हिरासत: बिना शौचालय ब्रेक के निर्वस्त्र तलाशी का आरोप

एक भारतीय महिला द्वारा हाल ही में अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर किए गए अनुभव का विवरण सामने आया है, जिसने न सिर्फ भारतीय नागरिकों को बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। महिला का आरोप है कि उसे 8 घंटे तक हिरासत में रखा गया, इस दौरान उसे न तो शौचालय जाने दिया गया और न ही इंसानियत के लिहाज से व्यवहार किया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसे निर्वस्त्र करके तलाशी ली गई।

घटना का पूरा विवरण

यह घटना तब घटी जब महिला अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड की। उसे इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया और पूछताछ के लिए डिटेंशन रूम में ले जाया गया। महिला का कहना है कि उसे बिना किसी ठोस वजह के घंटों तक हिरासत में रखा गया। पूछताछ के दौरान उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और निजी आज़ादी का हनन करते हुए निर्वस्त्र तलाशी ली गई।

शौचालय तक नहीं जाने दिया गया

महिला ने आरोप लगाया कि उसे पूरे 8 घंटे तक शौचालय तक नहीं जाने दिया गया। बार-बार आग्रह करने के बावजूद अधिकारियों ने उसे इस बुनियादी सुविधा से वंचित रखा। यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि एक महिला के सम्मान के साथ किया गया गंभीर खिलवाड़ भी है।

पार्श्वभूमि और पहले की घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय नागरिक को अमेरिकी हवाई अड्डों पर इस प्रकार के अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी कई मशहूर भारतीय हस्तियों और नेताओं को कठोर सुरक्षा जांच और अनावश्यक पूछताछ का सामना करना पड़ा है। यह घटनाएं अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की प्रक्रिया और उनके व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस घटना पर नाराजगी जताई है और अमेरिका से इस विषय पर स्पष्टीकरण मांगा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। भारत ने अमेरिका से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

महिला की अपील और जागरूकता की जरूरत

पीड़ित महिला ने भारत लौटने के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी आपबीती साझा की और अपील की कि भारतीय यात्रियों को विदेश यात्रा पर जाने से पहले अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी अपमानजनक स्थिति में चुप न रहें, बल्कि संबंधित दूतावास या अधिकारियों से संपर्क करें।

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