लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने होंगे अगले सेना प्रमुख

न्यूज़ डेस्क : लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने मंगलवार को 28 वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे जिनका प्रमुख के रूप में कार्यकाल मंगलवार को समाप्त होगा। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने वर्तमान में सेना के उप प्रमुख हैं। नरवाने 31 दिसंबर को 13 लाख की क्षमता वाली भारतीय थलसेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कमान संभालेंगे। 

 

मनोज मुकुंद नरवाने की नियुक्ति के साथ ही तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के बैचमेट हो जाएंगे। मनोज मुकुंद नरवाने, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष करमबीर सिंह ने 1976 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से  56वां कोर्स एक साथ किया था। भारतीय सेना के इतिहास में यह दूसरी बार है, जब तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के एक ही बैच के कैडेट होंगे।

इससे पहले 1991 में तत्कालीन थलसेना प्रमुख सुनीत फ्रांसिस रोडरिग्ज, नौसेना प्रमुख एडमिरल लक्ष्मी नारायण रामदास और एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी ने तीनों सेनाओं का नेतृत्व किया था। जिन्होंने एनडीए का कोर्स एक साथ किया था।

लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने 13वें सेना प्रमुख होंगे, जिन्होंने एनडीए से कोर्स किया है। इसके अलावा एनडीए से पढ़ाई करने वाले 11 कैडेट्स नौसेना और नौ कैडेट्स वायुसेना की कमान संभाल चुके हैं। बाकी सेना प्रमुखों ने भारतीय सैन्य अकादमी, वायुसेना अकादमी और नौसेना अकादमी से पढ़ाई की है।

 


नरवाने की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते आतंकवादी गतिविधियों और इस्लामाबाद के उकसावे के कारण तनाव में हैं। इस साल सितंबर में सेना का उप प्रमुख पद संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे। सेना की यह कमान चीन से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करती है।

अपने 37 साल की सेवा में उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद व उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांतिकाल में विभिन्न कमानों का नेतृत्व किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति बल का हिस्सा थे। 

 

ये हैं उपलब्धियां

वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं। उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इंफैंट्री रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन मिला था। उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन की सफलतापूर्वक व प्रभावी ढंग से नेतृत्व के लिए सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (नार्थ) के इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर सेवाओं के लिए विशिष्ट सेवा मेडल और प्रतिष्ठित हमलावर कोर की कमान के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया। 

 

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